देवघर (शहर परिक्रमा)

शिक्षक बन कामदेव ने मेरे प्रयास को सार्थक किया: डॉ.एन.डी.मिश्रा

सर्वविदित है कि ‘एक बेहतर शिक्षक, एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकता है’। वहीं एक बेहतर व्यक्ति ही एक बेहतर शिक्षक का निर्माण कर सकता है।
इस उक्ति को साबित किया है देवघर के सुप्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ एन डी मिश्रा ने। जब उनके प्रयास से जनजाति बहुल दुखनसार, कुरूमटांड, जयपुर, बांका (बिहार) के कामदेव मुर्मू ने बिहार के शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफलता पाई और अपने गाँव से प्रथम सरकारी शिक्षक बने।


ज्ञात हो कि लगभग 100 परिवार के दुखनसार गाँव में एक भी व्यक्ति मैट्रिक पास भी नहीं है। ऐसे गाँव में डॉ एन डी मिश्रा द्वारा शिक्षा का अलख जगाकर किसी व्यक्ति को सरकारी शिक्षक के मुकाम तक पहुंचाना किसी अजूबे से कम नहीं।
आज कामदेव मुर्मू बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद डॉ एन डी मिश्रा के प्रति आभार प्रकट करने इस हसरत के साथ बैद्यनाथ शंकर नेत्रालय पहुंचे कि मैं अपना जॉइनिंग लेटर डॉक्टर साहब के हाथों स्वीकार करना चाहता हूं जिनके सहयोग से मैं इस मुकाम तक पहुंच सका।
कामदेव मुर्मू बताते हैं कि एक बार मैं अपने भांजे के इलाज के लिए बैद्यनाथ शंकर नेत्रालय आया था तब सर से मुलाक़ात हुई थी और मैं इनसे बहुत प्रभावित हुआ। बातचीत के क्रम में जब मैंने अपने गाँव में शिक्षा की स्थिति का जिक्र किया तो डॉ एन डी मिश्रा ने मुझे ही गाँव के लिए निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने का जिम्मा दिया, जिसका खर्च डॉक्टर साहब स्वयं वहन करते हैं। इसी क्रम में मैंने सैकड़ों ग्रामीणों को साक्षर बनाने के साथ स्वयं इंटर, ग्रेजुएशन, D.El.Ed आदि की पढ़ाई डॉक्टर साहब के दिए आर्थिक सहयोग से पुरा किया, और आज इस मुकाम पर पंहुच सका।


मौके पर डॉ एन डी मिश्रा ने कामदेव मुर्मू को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हरएक व्यक्ति अपने मेहनत से जीवन में सफलता प्राप्त करता है, जो कामदेव ने किया। हालांकि मैंने कामदेव को उसके शिक्षा के लिए जो सहयोग किया है तो मुझे अपार ख़ुशी है कि मेरे प्रयास को कामदेव ने सार्थक किया।
मौके पर डॉ एन सी गाँधी, आलोक मिश्रा, रजनीकांत, धनंजय कुमार, पंचानन्द कुमार, नीलकंठ कुमार यादव इत्यादि उपस्थित थे।