नागराज ग्राम में धूमधाम से मनाया गया अग्रहार नागराज जी का जन्मोत्सव
देवघर: अमरकंटक, मध्यप्रदेश स्थित दिव्य पथ संस्थान के तत्वावधान में आज दिनांक 14. 01.25 को नागराज ग्राम, इनारावरण में मध्यस्थ दर्शन के प्रणेता अग्रहार नागराज जी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जानकारी हो कि अग्रहार नागराज जी, जिनका जन्म 1920 में हासन(कर्नाटक) में हुआ था, ने सह-अस्तित्ववाद के सिद्धांत को प्रतिपादित किया है ।
सह-अस्तित्ववाद का सिद्धांत इस बात को इंगित करता है कि भौतिक स्तर पर मानव जाति ने अपार प्रगति की है, लेकिन परस्पर तालमेल और साथ-साथ जीने में अब भी पीछे या असफल है। मध्यस्थ दर्शन की रौशनी में परिवार, समाज, प्रकृति, और धरती पर संतुलित और सामंजस्यपूर्ण जीवन संभव है।
इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद देवस्थली विद्यापीठ और प्री विजन स्कूल, देवघर के बच्चों ने वंदना प्रस्तुत की। मध्यस्थ दर्शन के अध्येताओं ने दर्शन की गहराइयों और नागराजग्राम की स्थापना के महत्व पर विचार साझा किए।
मध्यस्थ दर्शन के अध्येता इसे व्यक्तिगत, पारिवारिक ,सामाजिक, और व्यावसायिक स्तर पर खुशी और शांति का मार्ग मानते हैं। यह दर्शन लाखों लोगों को सुखी जीवन जीने की प्रेरणा दे रहा है। कार्यक्रम का समापन खुशनुमा माहौल में हुआ और लोगों ने मध्यस्थ दर्शन को समझने की इच्छा जाहिर की ।