ग्रह-नक्षत्र

वर्ष 2025 का पहला चन्द्रग्रहण कल

14 मार्च को साल का पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इस बार चंद्रग्रहण के दिन होली का संयोग भी बनने जा रहा है। यह ग्रहण 14 मार्च, शुक्रवार को सुबह 9 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा और समापन दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर होगा।

मौके पर स्थानीय साइंस एंड मैथेमेटिक्स डेवेलोपमेंट आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा कि चंद्रग्रहण इस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। इस ज्यामितीय प्रतिबन्ध के कारण चन्द्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है। चन्द्रग्रहण का प्रकार एवं अवधि चन्द्र आसन्धियों के सापेक्ष चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चाँद के इस रूप को ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है। चन्द्र ग्रहण शुरू होने के बाद ये पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है। यह ग्रहण भारत को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग यूरोप अफ्रीका के अधिकांश भाग, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका में दिखाई देगा, ऐसे में सूतककाल ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 14 मार्च को लगने जा रहा है चंद्रग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। वृषभ, मिथुन, कर्क और वृश्चिक वालों के लिए यह साल का पहला चंद्रग्रहण बहुत ही शुभ माना जा रहा है और लाभ होने की संभावना भी बन रही है। इसके अलावा, यह चंद्र ग्रहण सिंह, तुला और मकर राशि वालों के लिए अशुभ माना जा रहा है।