देवघर (शहर परिक्रमा)

श्रील सेवा ने पूरे किए पांच साल

श्रील फाउंडेशन की भोजन सेवा ने पूरे किए 5 वर्ष, लगातार जारी है जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरण!
श्रील फाउंडेशन की भोजन सेवा अपने 5 गौरवशाली वर्षों को पूर्ण कर चुकी है। यह वही सेवा है, जिसकी शुरुआत कोरोना महामारी के कठिन समय में, 2 अप्रैल 2020 को, लॉकडाउन के दौरान की गई थी। जब पूरा देश संकट में था, रोज़गार ठप थे और भूख एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही थी, तब श्रील फाउंडेशन ने जरूरतमंदों के लिए भोजन सेवा शुरू करने का संकल्प लिया।

पिछले पांच वर्षों में, यह सेवा केवल महामारी तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह सदर अस्पताल, देवघर में जरूरतमंदों और गरीब मरीजों के परिजनों के लिए एक स्थायी भोजन सेवा बन गई। आज यह सेवा प्रतिदिन सैकड़ों जरूरतमंदों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा रही है।

शुरुआत: कोरोना काल में भूख से जूझ रहे लोगों के लिए खिचड़ी सेवा!

2 अप्रैल 2020 को, जब पूरा देश लॉकडाउन में था, श्रील फाउंडेशन के सचिव श्री राकेश वर्मा ने यह संकल्प लिया कि सदर अस्पताल, देवघर में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की सेवा शुरू की जाएगी। शुरुआत में संस्था द्वारा प्रतिदिन 250 से 300 व्यथित लोगों के लिए खिचड़ी बनवाकर अस्पताल परिसर में वितरित की गई।

धीरे-धीरे यह पहल एक नियमित सेवा बन गई। लेकिन श्री वर्मा का उद्देश्य केवल लॉकडाउन तक सीमित नहीं था। उन्होंने महसूस किया कि सदर अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों के परिजन, दूर-दराज़ से आए लोग और अन्य जरूरतमंद लोग अक्सर भूखे रह जाते हैं, क्योंकि उनके पास भोजन खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते।

स्थायी भोजन सेवा केंद्र की स्थापना!

इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए, श्री वर्मा और श्रील फाउंडेशन की टीम ने देवघर की तत्कालीन उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय जी से अनुरोध किया कि सदर अस्पताल परिसर में एक स्थायी भोजन सेवा केंद्र की अनुमति प्रदान की जाए। उपायुक्त महोदया ने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए श्रील फाउंडेशन को सदर अस्पताल परिसर में एक स्थायी भोजन सेवा केंद्र स्थापित करने की अनुमति दी।
फिर एक वर्ष के बाद मरीजों के परिजनों को बैठाकर भोजन कराने के लिए भोजन कक्ष की मांग का अनुरोध तत्कालीन उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री साहब से किया गया, उपायुक्त ने श्रील फाउंडेशन के सेवा कार्यों का स्वयं निरीक्षण किया और संस्था को सदर अस्पताल परिसर में एक भोजन कक्ष की अनुमति प्रदान की,
तब से लेकर आज तक, यानी पिछले पांच वर्षों से, यह भोजन सेवा लगातार जारी है।

कैसे और किसे मिलता है भोजन?

यह सेवा खासकर उन गरीब, जरूरतमंद, मरीजों के परिजनों और बेसहारा लोगों के लिए है, जो अस्पताल परिसर में इलाज के लिए आते हैं और भोजन का खर्च नहीं उठा सकते। श्रील फाउंडेशन द्वारा मात्र ₹10 प्रति प्लेट के कूपन पर इन्हें पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा सभी व्यक्तियों के लिए चौबीसों घंटे निःशुल्क शीतल पेय जल उपलब्ध है ताकि कोई भी प्यासा न रहे।

भोजन वितरण का समय और मेन्यू!

भोजन वितरण के समय:
दोपहर: 12:00 से 2:00 बजे तक
शाम: 6:00 से 8:00 बजे तक

भोजन की विविधता:

  1. भात, दाल, सब्जी, भुजिया, सलाद, पापड़, अचार
  2. पूड़ी, सब्जी, मिठाई, चटनी, अचार
  3. रोटी, सब्जी, अचार
  4. खिचड़ी, पापड़, घी, चोखा, आचार,,,,

सेवा जारी रखने में समाजसेवियों का योगदान!
इस सेवा को जारी रखने में कई दानवीर, समाजसेवी, स्थानीय नागरिक और संस्था के सदस्य योगदान दे रहे हैं।

श्रील फाउंडेशन के सचिव श्री राकेश वर्मा ने बताया कि,
“यह सेवा केवल हमारी नहीं, बल्कि उन सभी लोगों की है जो समाज में जरूरतमंदों के लिए कुछ करना चाहते हैं। कुछ दानवीरों के सहयोग से ही यह भोजन सेवा संभव हो रही है। हमारा प्रयास है कि कोई भी गरीब व्यक्ति या भूखा परिजन सदर अस्पताल में भोजन से वंचित न रहे। यह सेवा अनवरत जारी रहेगी,,,

संस्था के अन्य प्रमुख सदस्य जैसे अध्यक्ष लीलटु महथा, संयुक्त सचिव महिमा देवी, नरेंद्र पंजियारा, कोषाध्यक्ष पारसमणि पटु,अंजनी देवी, सिंपी कुमारी, खुशबू देवी, काजल ओझा, विजय सिंह, सदन गुप्ता, विष्णु यादव,आकाश संतोषी, चेतन केशरी, अभय पाठक,अकून महथा सहित प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर राज वर्मा व अन्य सेवकों के सामूहिक प्रयास से यह सेवा निर्बाध रूप से जारी है।

समाज से सहयोग की अपील!
श्रील फाउंडेशन समाज के हर सक्षम व सहयोगी वृन्द व्यक्तियों से अपील करता है कि इस सेवा में सहयोग करें। दान स्वरूप सहयोग देकर, स्वयंसेवा के माध्यम से या किसी भी अन्य रूप में, हर व्यक्ति इस पुनीत कार्य में योगदान दे सकते हैं।

श्रील फाउंडेशन द्वारा नाबार्ड के सहयोग से रोजगार प्रशिक्षण, ECL के सहयोग से निःशुल्क हेल्थ कैंप, महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाई जाती है और निकट भविष्य में सदर अस्पताल में मरीजों के लिए सेवा विस्तार की भी योजना है।

संस्था की अधिक जानकारी और सहयोग के लिए:
वेबसाइट: www.shreelfoundation.org

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