देवघर (शहर परिक्रमा)

रामनवमी पर विशेष निगरानी का प्रशासनिक आदेश

देवघर: उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी विशाल सागर व पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडूग ने रामनवमी पर्व व चैती दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर संयुक्त आदेश के माध्यम से अनुमंडल, प्रखण्ड, अंचल, थाना एवं पंचायतों में विशेष निगरानी का आदेश अधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया है। साथ ही पर्व को देखते हुए दंडाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। वही सम्पूर्ण विधि व्यवस्था के प्रभार में अपर समाहर्ता रहेंगे एवं दोनों अनुमंडल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष निगरानी करेंगे। साथ ही इस वर्ष रामनवमी का त्योहार दिनांक 06.04.2025 को मनाया जायेगा एवं चैती दुर्गापूजा दिनांक 05.04.2025 से 07.04.2025 तक मनाया जायेगा। ऐसे में इस अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था एवं विधि व्यवस्था को लेकर निम्नलिखित बिन्दुओं पर निगरानी का निदेश दिया गया है।

1)अफवाह फैलाना।

2)असामाजिक एवं साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा साम्प्रदायिक उन्माद फैलाया जाना।

3)विवादास्पद स्थल पर महावीरी ध्वज गाड़े जाने अथवा रामनवमी पर्व से संबंधित अन्य कार्यक्रमों को सम्पन्न कराने को लेकर।

4)अखाड़ा आदि खेले जाने के क्रम में किसी समुदाय विशेष के व्यक्ति अथवा अन्य व्यक्तियों को चोट आदि लग जाने के कारण।

5)किसी समुदाय विशेष के व्यक्तियों द्वारा धार्मिक भावना एवं आघात पहुँचाने के कारण।

6)जुलूस के मार्ग से संबंधित विवाद, विशेषतः ऐसे मार्गों को लेकर जिसमें मस्जिद/ ईमामबाड़ा/ईदगाह/कब्रिस्तान आदि धार्मिक स्थल स्थित हो।

7)जुलूस के समय एक समुदाय के सदस्यों द्वारा मस्जिद या अन्य धार्मिक स्थल के बगल से दूसरे समुदाय के धर्मिक जुलूस के गुजरने पर विरोध किया जाता।

    8)जुलूस के सदस्यों द्वारा अन्य समुदाय के धार्मिक स्थल या दूसरे समुदाय के सघन आबादी वाले क्षेत्रों में देर तक अखाड़ा जमाने, लाउडस्पीकर बजाने आदि के कारण।

    9)जुलूस में शामिल व्यक्तियों द्वारा अश्लील शब्दों या व्यवहार किया जाना या डी०जे० द्वारा अश्लील एवं उत्तेजक गानों को बजाना एवं अधिक तेज ध्वनि में गाना बजाना।

    10)जुलूस के सदस्यों द्वारा उत्तेजक नारे एवं नशे की हालत में अभद्र व्यवहार करना।

    11)जुलूस के सदस्यों द्वारा किसी समुदाय विशेष की महिलाओं के ऊपर छिटाकसी करना।

    12)पूर्व में व्याप्त साम्प्रदायिक कटुता के कारण।

    13)एक ही समुदाय के दो जुलूसों के सदस्यों द्वारा अपने शक्ति प्रदर्शन हेतु स्थान विशेष पर अपना जुलूस अधिक देर तक लगाये रखना।

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