देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर सेंट्रल स्कूल में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस

जेन जॉर्ज नोवेरे (1727-1810) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैले नृत्य के लिए एक प्रमुख नाम माना जाता है और उनके सम्मान में उनकी जयंती को नृत्य की अंतरराष्ट्रीय नृत्य संस्थान के द्वारा प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में यूनेस्को के सहयोग से 1982 से लगातार आयोजित किया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच नृत्य कला का प्रचार व प्रसार करना है। नृत्य हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। नृत्यकला गन्धर्ववेद का एक अहम अंग है। भरत मुनि ने भी नाट्य शास्त्र में इसकी विशद चर्चा की है। ऐसी भी मान्यता है कि आज से 2000 वर्ष पूर्व देवताओं के आग्रह पर ब्रह्मा जी ने त्रेता युग में नृत्य वेद की रचना थी और तभी से नृत्य की उत्पत्ति संसार में मानी जाती है। नृत्य एक सशक्त अविव्यक्ति है जो पृथ्वी और आकाश से संवाद करती है। हमारे खुशी, हमारे भय और हमारी आकांक्षाओ को व्यक्त करती है।आधुनिक युग में यह कला की अविव्यक्ति का सशक्त माध्यम बन गया है।। यह विद्या संगीत की भांति नृत्य करने वाले और देखने वाले का समान रूप से मनोरंजन करता है। नृत्य शाररिक शौष्ठव को भी मजबूत बनाता है अर्थात यह योग का भी पर्याय है। यही कारण नृत्य हमारे रीति रिवाजों में भी शामिल होता जा रहा है।

उपरोक्त सभी बातें स्थानीय देवघर सेंट्रल स्कूल में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता के उद्घाटन के अवसर पर प्राचार्य ने कही।

विदित हो कि अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय में एकल नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़ कर अपनी प्रस्तुति दी। वर्ग नर्सरी में शाहनाज प्रथम, वर्ग प्रथम में आकृति प्रथम, दीक्षा द्वितीय, कक्षा द्वितीय में आराध्या प्रथम, आशीष द्वितीय, प्रिंस तृतीय, कक्षा तृतीय में रागव प्रथम, कक्षा चतुर्थ में सपना, लक्ष्मी व माही क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय, कक्षा पंचम में श्रद्धाराज प्रथम, परी राज द्वितीय, कक्षा षष्ठ में साक्षी प्रथम, धरा दूसरे और कीर्ति चन्द्रवंशी तीसरे स्थान पर रही।

कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका में आकांक्षा वाजपेयी और सोनम कुमारी ने बारीकी से नृत्य के प्रत्येक विधाओं का अध्ययन कर निर्णय दिया और बतलाया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मूल आधार ही है बच्चों का समग्र और समावेशी विकास।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सिंपी कुमारी, श्रद्धाराज, जोया सरकार व अन्य ने अमूल्य योगदान दिया। उपरोक्त सभी बातों की जानकारी मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार पांडेय ने दी।