दुमका: बाल-विवाह, महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने हेतु जागरूकता एवं उन्मुखीकरण अभियान का किया गया शुभांरभ
दुमका: जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सभागार दुमका में बुधवार को जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनिता कुजूर की अध्यक्षता में बाल-विवाह, महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने हेतु अभियान का शुभारंभ किया गया,जो की 14 नवंबर तक चलेगा।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि बाल विवाह कुप्रथा के अंत के लिए सिर्फ क़ानून का सहारा ही काफी नहीं है, लोगों के व्यवहार और सोच में परिवर्तन लाने की जरुरत है, जो कि जागरूकता के माध्यम से ही लाया जा सकता है।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने कार्यक्रम में प्रतिभागियों को बाल-विवाह के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बाल विवाह की परिभाषा, दुष्परिणाम आदि की जानकारी दी। जिला बाल संरक्ष्ण इकाई द्वारा 2019 से संचालित बाल विवाह रोकथाम अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कुप्रथा की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना (डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान) बनायी गयी है, जिसमें सभी सम्बंधित विभागों एवं हितधारकों को सम्मिलित किया गया है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉक्टर अमरेंद्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सभी बाल विवाह निषेध पदाधिकारी ईमानदारी और निष्ठा से अपने दायित्व का पालन करें और इस कुप्रथा के अंत में अपनी सहभागिता निभाएं।
बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 एवं भारतीय दण्ड संहिता के तहत बाल विवाह करने पर 3 साल तक की सजा एवं 2 लाख रुपए के आर्थिक दंड दिए जाने के बारे में बताया।
विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी अनिल मोहन ठाकुर ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बाल विवाह निषेध पदाधिकारियों के कर्तव्य एवं दायित्व के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
यूनिसेफ की जिला समन्वयक ज्योत्सना कुमारी के द्वारा पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से बाल विवाह, महिला उत्पीडन, बाल शोषण के सीएमपीओ के कार्य एवं दायित्व के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
इस कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र कुमार यादव, सदस्य डॉ राजकुमार उपाध्याय, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य किरण तिवारी, धर्मेंद्र नारायण प्रसाद, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई से विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी अनिल मोहन ठाकुर, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिकाएं, समाज कल्याण विभाग के सुधाकर केशरी, केस वर्कर निक्कू कुमार साह, निशा कुमारी ,स्वयंसेवी संस्थाएं एक्सआईएसएस-यूनिसेफ, ग्राम ज्योति, ग्राम साथी, प्रवाह, लोक सेवा कल्याण सेवा केंद्र के प्रतिनिधियों ने भी संयुक्त रूप से भाग लिया।
रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan