डीएवी, कोडरमा की छात्रा अपेक्षा मोदी का बीपीएससी में सातवां रैंक
बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं परीक्षा में सातवें रैंक को प्राप्त करने वाली डीएवी कोडरमा की छात्रा अपेक्षा मोदी का विद्यालय प्रांगण में शानदार स्वागत किया गया। मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने अपेक्षा मोदी को उसके माता- पिता, शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति में प्रार्थना सभा में तिलक लगा कर तथा वैदिक परम्परा के तरीके से जोरदार स्वागत किया।
अपेक्षा मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैंने अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत डीएवी कोडरमा से शुरू की। उसने बच्चों से कहा कि मैं भी आप लोगों के जैसे ही थी। मुझमें कोई विशेष प्रतिभा नहीं थी परंतु शिक्षकों का मार्गदर्शन, अपने मेहनत व परिश्रम, माता पिता और गुरुजनों के आशिर्वाद और शुभकामना के बल पर आज इस मुकाम को हासिल की हूं। सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम अत्यंत आवश्यक है बिना परिश्रम के हम जीवन में सफल नहीं हो सकते हैं। मुझे डीएवी में पढ़ने पर गर्व महसूस हो रहा है। मैं यूपीएससी परीक्षा में कुछ अंकों से असफल हुई परंतु अपने आप को हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करती रही। असफल होने पर भी परिश्रम करने वालों को ईश्वर अवश्य मार्गदर्शित करते हैं। जीवन में परिश्रम से असंभव कार्य भी संभव हो सकता है इसका मैं आप सबके समक्ष प्रत्यक्ष प्रमाण हूं। प्राचार्य महोदय ने अपेक्षा मोदी की बीपीएससी की परीक्षा में सातवां रैंक प्राप्त करने पर बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अपेक्षा मोदी ने अपने कठोर परिश्रम से न केवल डीएवी बल्कि अपने माता-पिता , सभी शिक्षकों एवं कोडरमा जिले का नाम रौशन किया है। आज हमें अपेक्षा मोदी को इस स्थान पर खड़ा देखकर बड़ा ही गर्व महसूस हो रहा है। बीपीएससी की परीक्षा में सातवां रैंक लाना साधारण बात नहीं है।
उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि अपेक्षा हार मान लेती तो आज बीपीएससी जैसी परीक्षा में इतने अच्छे रैंक से सफल नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के उपरांत नौकरी करते हुए बीपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की यह बड़े ही गर्व की बात है। अपेक्षा ने अपने समर्पण, जुनून और ज्ञान की प्यास से यह दिखा दिया कि मेहनत करने वाले कभी भी हार नहीं मानते हैं । जीवन में अवश्य सफलता प्राप्त करते हैं। उन्होंने विद्यालय परिवार की ओर से उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।