दुमका (शहर परिक्रमा)

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा युवाओं को दिया जाने वाला युगांतकारी संदेश भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ: डॉ. खिरोधर प्रसाद यादव

दुमका: झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ दुमका के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शिक्षक संघ भवन दुमका में मंगलवार को स्वतंत्रता संग्राम के महानायक सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनायी गई।
इस अवसर पर झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ दुमका के पदाधिकारियों एवं सदस्यों तथा दुमका के शिक्षा जगत से जुड़े विद्वतजनों ने नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। माल्यार्पण के बाद झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्यों एवं विद्वतजनों के बीच नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के सपनों का भारत पर एक शैक्षिक सेमिनार का आयोजन किया गया।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए एवं शैक्षिक सेमिनार में भाग लेते हुए मुख्य अतिथि संथाल परगना महाविद्यालय दुमका के प्राचार्य डॉ. खिरोधर प्रसाद यादव ने कहा कि नेताजी का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। वे राष्ट्रवाद के सच्चे समर्थक थे। उन्होंने ‘तुम खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ एवं ‘जय हिन्द’ का नारा देकर युवा पीढियों को युगांतकारी संदेश दिया, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ एवं स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा बदल दी। उन्होंने मानव जीवन के उच्च आदर्शो को अपनाया। उन्होंने हमेशा पराक्रम को सम्मान दिया।
डॉ. खिरोधर ने कहा कि आज हम सबका नैतिक कर्तव्य है कि नेताजी ने जिस अखण्ड एवं विकसित भारत का सपना देखा था उसको मूर्त रूप देने में हम सब तन मन और धन से समर्पित हो जाय।
शैक्षिक सेमिनार में भाग लेते हुए एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्याध्यक्ष दिवाकर महतो ने कहा कि नेताजी माँ भारती के सच्चे सपूत एवं अनमोल रत्न थे। नेताजी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरणादायी है। नेताजी हमेशा निजी हित से ज्यादा राष्ट्र हित को महत्व दिया। पूरा राष्ट्र उनके प्रति कृतज्ञ है।
विशिष्ट अतिथि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव डॉ. अमरेन्द्र कुमार यादव ने नेताजी को नमन करते हुए कहा कि हम भारतवासी सौभाग्यशाली हैं कि नेताजी जैसे महान कर्मयोगी एवं वीर राष्ट्रभक्त स्वतंत्रता सेनानियों का अग्रदूत बनकर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। युवाओं को नेताजी के आदर्श को अपनाकर राष्ट्र सेवा एवं राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भागीदारी निभानी चाहिए। हमसभी देशवासी राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा से समर्पित रहे यही नेताजी को प्रति असली श्रद्धा होगी।
विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रशेखर यादव ने कहा कि महान कर्मयोगी एवं अतुलनीय स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस व्यक्तित्व एवं कृतित्व हमारे लिए अनुकरणीय एवं उनकी देशभक्ति देशभक्ति का अथाह सागर है जिसको शब्दों में नही बांधा जा सकता।
विशिष्ट अतिथि अनूप कुमार बाजपेयी ने नेताजी को नमन करते हुए कहा कि नेताजी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व युगों युगों तक याद किया जाएगा। श्री बाजपेयी ने कहा कि नेताजी ने एक अखंड भारत का सपना देखा था। स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के महान योगदान को हम भारतीयों को कभी नहीं भूलना चाहिए।
शैक्षिक सेमिनार का विषय प्रवेश कराते हुए एवं नेताजी को नमन करते हुए विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य अनन्त लाल खिरहर ने कहा कि नेताजी का जीवन एक खुली किताब लेकिन कर्तव्य पथ पर ले जाने के लिए प्रेरणादायी है। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व अथाह सागर है, जिसको शब्दों में बयां नही किया जा सकता।स्वागत भाषण झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ दुमका के सचिव काशीनाथ महतो ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन जिला अध्यक्ष बुलबुल कुमार ने किया। मंच संचालन नीलाम्बर कुमार साहा ने किया।
मौके पर उपस्थित सम्मानित अतिथि अशोक कुमार साह, शिशिर कुमार घोष, शिवनारायण दर्वे, वैद्यनाथ सिंह, विजय कुमार दूबे, अजित कुमार सिंह, शम्भूनाथ मिश्रा, झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के काशीनाथ महतो, बुलबुल कुमार, बबन कुमार, शिवाकांत त्रिपाठी, मसगूल अंसारी, नाजीर मुर्मू, डॉ. विनय कुमार, जुलकर अंसारी, सुब्रत कुमार सिंह, अजित कुमार सिंह, अरुण कुमार सिन्हा, बापुस्वर तुनु एवं अमन कुमार मिश्रा ने भी महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया एवं शैक्षिक सेमिनार में भाग लेते हुए अपना उदगार व्यक्त किया।

रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan