डीएवी, कोडरमा में धूमधाम से मनाया गया नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 127वां जन्मदिन
दिनांक 23.01.24 को डीएवी पब्लिक स्कूल कोडरमा में महान क्रांतिकारी, देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 127 वां जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया।
मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह एवं सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने नेताजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
इस अवसर पर बच्चों द्वारा विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। नवीं कक्षा के सतीश यादव एवं सातवीं कक्षा की आभ्या श्री ने हिंदी व अंग्रेजी में नेताजी के त्याग, बलिदान एवं योगदानों पर वक्तव्य दिया। चौथी कक्षा की अहाना ने सुंदर एकल गीत प्रस्तुत किया। वहीं पर पांचवीं कक्षा की अंतरा ने एकल नृत्य प्रस्तुत कर सबको आह्लादित किया। नवीं कक्षा के उपेंद्र सोनू एवं अफान ने सुंदर युगल गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया। सातवीं कक्षा के सौहार्द ने नेताजी की जीवनी एवं उपलब्धियों पर प्रश्नोत्तरी पूछा, जिसमें बच्चों ने भाग लेकर प्रश्नों का उत्तर दिया।
किड्स ग्रुप के उत्कर्ष राज, प्रीत राज, अद्विक सिन्हा, अश्विनी नेताजी की वेशभूषा में सुंदर व आकर्षक लग रहे थे। वेहांत राज, सुहानी एवं समृद्धि शर्मा ने नेताजी पर स्लोगन लिखे एवं सुंदर पोस्टर बनाए।
विद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने सुभाष जयंती पर अड्डी बंगला से सुभाष चौक तक प्रभात फेरी में भाग लिया। नेताजी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हर वर्ग से दो-दो बच्चों के बीच नेताजी की सुन्दर एवं मनमोहक तस्वीर बनाने की प्रतियोगिता हुई।
इस प्रतियोगिता में रिषिका राज 5 ए ने प्रथम स्थान, रिया कुमारी 9 डी, रौनक 8 डी ने द्वितीय स्थान एवं सृष्टि 8 इ, नंदिनी 5 बी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका सीसीए इंचार्ज श्वेता सिंह ने निभाई।
मौके पर विद्यालय के प्राचार्य श्री कृष्ण कुमार सिंह ने नेताजी के जन्म दिवस पर सभी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नेताजी का जन्मदिन प्रतिवर्ष शौर्य व पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेताजी ने देश सेवा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन व सर्वस्व समर्पित कर त्याग व बलिदान की मिसाल कायम की। नेताजी के आह्वान पर हजारों लोग आजादी की जंग में कूदकर देश को आजाद कराने के लिए दृढ़ संकल्प लिया। उन्होंने लोगों को नारा दिया ‘तुम मुझे खून दो मैं तुझे आजादी दूंगा’। इस नारे के जादुई प्रभाव एवं नेतृत्व कौशल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की मुहिम में जान डाल दी। लोग एकजुट होकर देश को आजादी दिलाने के लिए आगे बढ़े। उनकी जीवनी, क्रांतिकारी विचार, कठोर त्याग व बलिदान भारतीय युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा और आगे भी रहेगा। वे एक ऐसे भारतीय क्रांतिकारी नेता थे जिन्होंने भारतीय सिविल सेवा की नौकरी त्यागकर आजादी की जंग में कूद पड़े। अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा परंतु उन्होंने अपना कदम पीछे नहीं हटाया। उन्होंने जनमानस के अंदर आजादी के संघर्ष की अलख जगाई। वे आज भी जनता के दिलों में बसे हुए हैं। उनका जन्मदिन मनाना तभी सार्थक सिद्ध होगा जब हम सभी उनके आदर्शों को अपने हृदय में आत्मसात करेंगे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की सुपरवाइजरी हेड मौसुमी मल्लिक, अपूर्वा सरकार, धर्मेंद्र पाठक एवं अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं का योगदान सराहनीय रहा।