दुमका: पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना के सदस्यों ने मनाया जननायक कर्पूरी ठाकुर के 100वीं जयंती
दुमका: पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना के तत्वावधान में पिछड़ों के मसीहा सामाजिक समरसता को स्थापित करने वाले जननायक स्व कर्पुरी ठाकुर के 100वीं जयन्ति के मौके पर भव्य तरीके से बुधवार को मनाया गया। टीनबजार चौक स्थित कर्पूरी जी के आदमकद प्रतिमा पर मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष असीम मंडल के अगुवाई और प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र यादव के संयोजकत्व में माल्यार्पण कर श्रधांजलि अर्पित किया गया। माल्यार्पण के पश्चात टीनबजार चौक में जननायक स्व०ठाकुर के प्रतिमा स्थापित करने के लिए संघर्ष समिति के पुरोधा लोहिया कर्पूरी विचार मंच के संरक्षक राधारमण ठाकुर और रंजीत जायसवाल को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र यादव ने कहा की जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग अरसे से करते आ रहे थे। भारत रत्न देने की घोषणा होने पर जताया मोर्चा ने हर्ष व्यक्त किया है, और मिठाई बाँट कर खुशी का इजहार किया है।
सामाजिक न्याय के प्रतिक जननायक कर्पूरी ठाकुर को उनके जन्म शताब्दी वर्ष पर केन्द्र सरकार ने देश के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” देने की घोषणा की है। यह वंचितों, पिछड़ों और दलितों की लंबी लढ़ाई की स्वीकृति है। पिछड़ा वर्ग आज के समय मे खासकर झारखंड में अपने अस्तित्व और सामाजिक समता की की रक्षा के लिए चरम संघर्ष कर रहा है। दुमका जिले में बाबुलाल मरांडी सरकार पिछड़ों का आरक्षण एक सोची समझी साजिश के तहत शुण्य कर दिया है, दुसरे तरफ़ केन्द्र सरकार ईस लढ़ाई को स्वीकृति प्रदान किया,अब देखना है की पिछड़ों को खोया हुआ हक कब तक वापस मिलता है।
अजित मांझी ने कहा की जननायक कर्पूरी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब सम्पूर्ण देश में जाति जनगणना कराकर पिछड़ों को जनसंख्या के आधार पर वाजिब आरक्षण दिया जायगा। सभी समुहों को उनके जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया गया तो पिछड़ों को भी मिलना चाहिए।
मोर्चा के सदस्यों ने एक स्वर से झारखंड सरकार द्वारा लिए जा रहे प्रतियोगिता परीक्षाओं में बेरोजगार छात्र छात्राओं के गृह जिले के बाहर दो सौ तीन सो किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग किया। यह गरीब और बेरोजगार अभ्यर्थियों का मानसिक, आर्थिक शोषण का पराकाष्ठा है,जो जननायक के दलितों के उत्थान और सामाजिक समता की विरोधाभासी कदम है। सरकार को ईस पर अविलंब ध्यान देना चाहिए।
कार्यक्रम में असीम मंडल, डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव, रंजीत जयसवाल, दयामय माजि, शिवनारायण दर्वे, अजित मांझी, लालमोहन राय, राधारमण ठाकुर, बिजय सोनी, जयकांत कुमार, रमेश साहू, बिहारी यादव, रमेश भंडारी, प्रदीप भंडारी, अरुण पंजियारा, लालमोहन ठाकुर, प्रेम कुमार भंडारी, गणेश भंडारी, विद्युत भंडारी, प्रमोद पंडित, संतोष मंडल, रामसुंदर पंडित, कंचन यादव, भीम पंडित, धन मंडल, मंटु ठाकुर, अनुपलाल, गुड्डू मौजूद रहे।
रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan