देवघर (शहर परिक्रमा)

इनरव्हील क्लब, देवघर ने चलाया कैंसर जागरूकता अभियान

विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर क्लब की अध्यक्ष सारिका साह व सचिव अर्चना भगत की अगुवाई में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सत्संग कॉलेज के आर्ट हाल में सर्वाइकल कैंसर पर एक गोष्ठी संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता एम्स में कार्यरत डॉक्टर स्वाती ने किया।
कॉलेज के प्रोफेसर भारती प्रसाद, डॉक्टर टीपी सिंह, डॉक्टर अरविंद कुमार झा, डॉक्टर पुष्प लता की देख रेख में इसे नेशनल सोशल सर्विसेज के छात्रों ने अटेंड किया।
डॉ स्वाती ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर यानी कि गर्भाशय के मुख का कैंसर दुनिया के दूसरे सबसे आम कैंसर में से एक है भारत में ।इसका मुख्य कारण स्वच्छता का अभाव ,अस्वस्थकर भोजन तथा कम पोषण वाला भोजन, होने के साथ-साथ, एक से अधिक व्यक्तियों से संबंध होने के कारण पैपिलोमा नामक कीटाणु के संक्रमण के कारण यह रोग होता है ।


भारत में अभी भी महिलाएं उतनी मुखर नहीं है कि वह खुलकर इस बारे में बात करें और बहुत देर तक अपने रोग को दबाकर रखती हैं और जब परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है तब वह अपने घर पर चर्चा करती हैं, और तब तक हालात यह होता है कि कैंसर प्रथम स्टेज से निकलकर द्वितीय स स्टेज में प्रवेश कर जाता है जिसके बाद इलाज के बावजूद भी बचने की संभावना कम होती है । सर्वाइकल कैंसर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि कभी-कभी यह बिना किसी तकलीफ या लक्षण के अंदर ही अंदर पनपता रहता है और अचानक ही प्रकट हो जाता है तो ऐसी स्थिति में जागरूक रहने वाली स्वच्छता का ख्याल रखने वाली महिलाएं भी इस रोग से ग्रसित हो जाती हैं ।
अतः इसके बचाव के लिए जागरूक रहने के साथ-साथ,
अगर महिलाएं समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग कराती रहे तो इस रोग से आसानी से बच सकती है।
अगर यह रोग भी जाए तो फर्स्ट स्टेज में पता चलने पर इससे मुक्त होने की संभावना काफी हद तक रहती है और व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ कर सामान्य जीवन जी सकता है।
इस कैंसर से अत्यधिक महिलाओं की मृत्यु हो जाने के कारण, लगातार इससे बचाव के लिए उपाय ढूंढे जा रहे थे और अब सबसे खुशी की बात यह है कि सर्वाइकल वैक्सीन बच्चियों और महिलाओं के लिए तैयार हो गई है और अब उपलब्ध भी हो रही हैं ।
अब तो बालिकाओं के लिए टीकाकरण कार्ड में भी इसकी प्रस्तावना कर दी गई है।
इस वैक्सीन को 9 से 45 वर्ष की महिलाएं आराम से ले सकती हैं सिवाय, गर्भवती महिलाओं के।
उन्होंने आगे कहा कि सारी महिलाओं को जब तक उनकी प्रजनन क्षमता की उम्र होती है, तब तक समय-समय पर यानी 6 महीने या साल भर के अंतराल में एक स्क्रीनिंग टेस्ट जरूर करते रहना चाहिए ।
स्क्रीनिंग के साथ-साथ पूर्ण स्वच्छता, खास करके मासिक धर्म के समय और संबंध बनाने के पहले और पश्चात स्वच्छता और सुरक्षा कवच का खास ध्यान रखना चाहिए।
इस बीच उपस्थित छात्राओं से सवाल-जवाब का सत्र भी चला जिसमें छात्राओं ने अपने-अपने संशय भरे सवाल डॉक्टर के समक्ष रखें और डॉक्टर ने एक-एक कर उनके सवालों का जवाब दिया तथा निराकरण के उपाय भी बताएं।
कार्यक्रम में अध्यक्ष व सचिव के अलावे आईपीपी सरिता अग्रवाल ,पीपी रश्मिरंजन झा, कोषाध्यक्ष सीमा मुंद्रा, पीपी रेखा सिंघानिया तथा सदस्य किरण पाठक आदि उपस्थित थी ।
उक्त जानकारी क्लब एडिटर कंचन मूर्ति शाह ने दिया ।