दुमका: 2018 से अबतक 21वां एडोप्सन, शादी के 15 साल बाद दंपत्ति की सुनी गोद भरी
तीन माह के बच्चे को पटना के दंपत्ति को दिया गया गोद
09 जनवरी को सीडब्ल्यूसी ने बालक को किया था लीगली फ्री
दुमका: बिहार के पटना में रहनेवाले दंपत्ति को की सुनी गोद शुक्रवार को भर गयी। उप विकास आयुक्त अभिजीत कुमार सिन्हा, बाल कल्याण समिति के सदस्य रंजन कुमार सिन्हा व डा राज कुमार उपाध्याय, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सह दत्तक ग्रहण समिति के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र ने एक माह से दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में आवासित बालक को भावी दत्तक माता-पिता को सौंप दिया। तीन माह के बालक को गोद में लेकर उसकी मां बेहद खुश थी। बालक को गोद लेनेवाले पिता पटना में बिजली विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उनकी शादी 2009 में हुई थी पर वह संतान सुख से वंचित रहे। 2020 में उन्होंने बच्चा गोद लेने के लिए कारा के वेबसाइट पर अपना निबंधन करवाया था। बालक के गोद मिलने पर वह और उनका परिवार काफी खुश है।
बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि बाल कल्याण समिति ने बच्चे के जन्म के चार दिन बाद अस्पताल से उसे डिस्चार्ज करने पर उसका प्रोडक्सन लिया था और दो माह के अंदर रेकार्ड समय में 09.01.2024 को इस बालक को एडोप्सन के लिए कानूनी रूप से मुक्त (लीगली फ्री) घोषित कर दिया था। बालक के जन्म के बाद उसकी मां ने समिति के समक्ष उसे सरेंडर कर दिया था। किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत सारी प्रक्रियाएं पूरी करने और काउनसेलिंग के साथ 60 दिनों के रिकंसिडरेशन अवधि के पूरा होने के बाद इस बच्चे को बाल कल्याण समिति दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के द्वारा लीगली फ्री किये जाने के बाद कारा के प्रक्रिया के तहत इस बालक को पटना के दंपत्ति को गोद दे दिया गया। अभी भावी दत्तक माता-पिता को यह बच्चा प्री एडोप्सन फोस्टर केयर में दिया गया है और डीएम/एसएए के आदेशों का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया गया है। गोद देने की प्रक्रिया के साथ ही नये नाम के साथ इस बच्चे का पुर्नजन्म हो गया है। उसे गोद लेनेवाले माता पिता से उसे वे सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे जैसे किसी बच्चे को उसके जैविक माता-पिता से मिलते हैं। 2018 से अबतक दुमका से दिया गया यह 21वां एडोप्सन है। जो भी दंपत्ति बालक को गोद लेना चाहते हैं वह कारा डॉट एनआईसी डॉट इन में अपना निबंधन करवा सकते हैं।
इस अवसर पर एसएए के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून भी मौजूद थे।
रिपोर्ट- आलोक रंजन