पर्यावरण (शहर परिक्रमा)

5 जून: विश्व पर्यावरण दिवस विशेष

हर साल पांच जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस हमारे धरती की सुरक्षा के लिए अधिक टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। प्लास्टिक, माइक्रोप्लास्टिक, प्रदूषित हवा, जलवायु में बदलाव और हानिकारक विकिरण में लगातार वृद्धि के साथ अब पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में सोचना जरूरी हो गया है। मौके पर स्थानीय साइंस एंड मैथेमेटिक्स डेवेलॉपमेंट आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा- विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय दिवस है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के नेतृत्व में 1973 से हर साल आयोजित होने वाला यह दिवस पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का सबसे बड़ा वैश्विक मंच बन गया है। इसे दुनिया भर में लाखों लोग मनाते हैं।

इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता’ है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र को अपनी समृद्ध व अनोखी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। अंधाधुंध खेती के लिए काटे जाने वाले जंगलों और अनियंत्रित शहरीकरण और फैलाव जैसे कारणों, भूमि-उपयोग में बदलाव और भूमि क्षरण, कई भूमि पारिस्थितिकी प्रणालियों की जैव विविधता को कम कर रहे हैं। स्वस्थ मिट्टी में कार्बन की भारी मात्रा जमा होती है, जिसे अगर छोड़ा जाए, तो तापमान में भारी वृद्धि होगी। जलमार्गों में परिवर्तन, प्रदूषण और जल संसाधनों की असंतुलित खपत जल-संबंधी तनाव और जलीय जैव विविधता में कमी का कारण बन रही है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के मुताबिक, दुनिया भर में हर पांच सेकंड में एक फुटबॉल पिच के बराबर मिट्टी का क्षरण होता है। जबकि, तीन सेंटीमीटर ऊपरी मिट्टी बनाने में 1,000 साल लगते हैं।

मौके पर आयोजित निबंध लेखन व चित्रांकन प्रतियोगिता में ब्राइट कैरियर स्कूल की अंजलि सिन्हा व आध्या कुमारी ने अव्वल स्थान प्राप्त किया। अन्य शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। सभी विजेताओं को आगामी 18 जून को पुरस्कृत किया जायेगा।