कोडरमा: डीएवी के बच्चों ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर चलाया जागरूकता अभियान
26 जून को डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरी तिलैया कोडरमा में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर तीसरी ,चौथी एवं 11वीं के बच्चों ने विविध कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को नशा नहीं करने के लिए अभिप्रेरित किया। इस अवसर पर आठवीं कक्षा की आभ्या श्री एवं ग्यारहवीं कक्षा की आयुषी ने अपने वक्तव्य के द्वारा लोगों को नशा न करने के लिए प्रेरित किया। 11वीं विज्ञान वर्ग के शिवांग आयुष, अभय, प्रियांशी एवं प्रशांत ने माइम ऐक्ट द्वारा लोगों को जागरूक किया कि नशा एक जानलेवा बीमारी है। इससे हमें हर संभव बचना चाहिए। तीसरी से चौथी कक्षा के बच्चों ने सुंदर पोस्टर , पेंटिंग, एवं श्लोगन लिखकर दिखाया कि हमें नशीली दवाओं एवं मादक पदार्थों के सेवन ना तो करना चाहिए और ना ही किसी को करने देना चाहिए।बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत कर दिखाया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोग जागरूक होकर स्वयं के साथ-साथ अन्य लोगों को भी इसकी विधिवत जानकारी दें। इससे होने वाले दुष्प्रभाव एवं नुकसान के प्रति लोगों को सतर्क एवं सजग करें। लोग नशीली दवाओं के गैर कानूनी इस्तेमाल एवं अवैध तस्करी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें। लोगों को इस बात के लिए आगाह एवं आश्वस्त करें कि न तो नशा करेंगे और ना ही किसी को करने देंगे। बच्चों को हमेशा इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करेंगे।
मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर बच्चों की सहभागिता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बच्चों ने इस तरह के कार्यक्रमों को प्रस्तुत कर समाज को एक नई दिशा एवं दशा देने का प्रयास किया। नशा कोई भी हो सब शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से नुकसानदेह है। इसे हमें रोकने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें बच्चों को मादक पदार्थों एवं नशीली दवाओं के सेवन के प्रति घृणा एवं नफ़रत का भाव भरना चाहिए जिससे वे भविष्य में कभी भी इसका सेवन न कर सकें । हमेशा इससे दूर रहें। नशा के कुप्रभाव से परिवार एवं समाज में विकृतियां फैल जाती है। लोग तरह-तरह के रोगों के शिकार हो जाते हैं । बच्चे बचपन में ही गलत संगति में पड़कर अपने भावी जीवन को बर्बाद कर देते हैं। आज की भागदौड़ की जिंदगी में बच्चे ज्ञान की कमी एवं अज्ञानता के दलदल में फंसकर अपनी सेहत और कैरियर के प्रति असंवेदनशील होकर मादक पदार्थों एवं नशीली दवाओं का बेरोकटोक सेवन कर जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं। उन्हें वहां से निकलने में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे इस गलत दिशा में ना जाएं इसके लिए हमें उन्हें जागरूक करना चाहिए। बच्चे देश के भविष्य एवं भावी कर्णधार हैं ।इनके ऊपर देश का भविष्य टिका हुआ है। हमें उनका उचित मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्हें समझाएं कि नशा मनुष्य के जीवन को दीमक की तरह अंदर ही अंदर खोखला बना देता है ।बाद में मनुष्य को पश्चाताप करने के सिवाय कुछ भी हाथ नहीं आता है। हमें मादक पदार्थों एवं नशीली दवाओं के सेवन से हरसंभव बचना एवं लोगों को बचाना चाहिए। तभी इस दिन को मनाना सार्थक एवं सफल होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की शिक्षिका नीतिका सिंह, लक्ष्मी कुमारी, मोहम्मद अली का योगदान रहा।