देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रांगण में विल्वपत्रदलों की लगी अंतिम प्रदर्शनी

शनिवार श्रावण संक्रांति के साथ ही बांग्ला सावन का समापन हो गया। बांग्ला सावन के समापन होते ही एक माह से चल रहे बेलपत्र प्रदर्शनी का भी समापन शनिवार संक्रांति के दिन हो गया।  शनिवार संक्रांति के दिन सभी बेलपत्र दलों के सदस्यों के द्वारा एक से बढ़कर एक खूबसूरत एवं आकर्षक बेलपत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई।

शाम होते ही सभी दलों के लोग चांदी एवं स्टील की थाली में अपने-अपने बेलपत्रों को सजाकर ढोल बाजे के साथ नगर भ्रमण करते हुए बाबा मंदिर पहुंचे और बाबा मंदिर में बेलपत्र की प्रदर्शन लगाई गई। बेलपत्र की आखिरी प्रदर्शनी को देखने के लिए शहर के कोने-कोने से लोग मंदिर पहुंचे। सभी दलों के लोगों के द्वारा अपने-अपने बेलपत्रों की खासियत बताई जा रही थी।

बेलपत्र प्रदर्शनी लगाने वालों में जरनेल समाज, बरनेल समाज, मशानी समाज, राजा राम बेलपत्र समाज, पंडित राधेश्याम मनोकामना बेलपत्र समाज, राधेश्याम बेलपत्र समाज, मशानी समाज, अखाडा समाज आदि दलों के द्वारा खूबसूरत बेलपत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। रात आठ बजे सभी बेलपत्रों को बाबा बैद्यनाथ पर चढ़ाया गया और पुनः प्रदर्शनी के लिए लगाया गया। देर रात तक मंदिर में बेलपत्र प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।


बांग्ला सावन की समाप्ति के साथ ही पूर्णिमा के अनुसार भी सावन समाप्त होने में अब मात्र दो दिन ही शेष बचे हैं। सोमवार को पूर्णिमा सावन का भी समापन हो जाएगा। इस बार सावन की शुरूवात सोमवार से हुई थी और समापन भी सोमवार को ही होगा।

शनिवार बांग्ला सावन के अंतिम दिन कांवरियों की भीड़ काफी कम रही। सुबह से ही कांवरियों को शिवराम झा चौक से ही प्रवेश कराया जा रहा था। शाम पट बंद होने तक लगभग अस्सी हजार कांवरियों ने बाबा का जलाभिषेक किया। श्रावणी मेला अब पूरी तरह से ढलान पर उतर चुका है।कांवरियो की रफ्तार भी कम होने लगी है।

संवाददाता: अजय संतोषी