देवघर (शहर परिक्रमा)

बहुचर्चित बावन बीघा की संपत्ति का आया न्यायिक फैसला, देखें किसकी हुई जीत

देवघर के बहूचर्चित बावन बीघा की संपत्ति को लेकर झारखंड सरकार बनाम निति भट्टाचार्य और अन्य 456 प्रतिवादीगण के बहुचर्चित सिविल मुकदमे का फैसला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सबजज 2 देवघर से आ गया है ।
उल्लेखनीय ही कि सिविल वाद संख्या 59/ 2009 में तत्कालीन उपायुक्त देवघर के माध्यम से झारखंड सरकार ने यह वाद दाखिल कर संम्पुर्ण बावन बीघा की संम्पत्ति को इसके पुर्व मालिक बोधिसत्व भट्टाचार्या द्वारा बावनबीघा स्थित शिवालय को ट्रस्ट किये जाने का दावा करते हुए इस भूखंड को झारखंड सरकार की संम्पत्ति घोषित करने के अनुतोष के लिए दायर किया था
दूसरी ओर निति भट्टाचार्य के पुर्वज एवं उनके अन्य हिस्सेदारों जयदेव भट्टाचार्य इत्यादि का दावा है कि ये संम्पत्ति उनकी निजी है और बहुत सारे लगभग 456 ब्यक्तियों को बेची जा चुकी है जिसपर सैंकडों आवासीय मकान अवस्थित हैं सरकार की ओर से पहले पुर्व सरकारी अधिवक्ता बालेश्वर प्रसाद सिंह और बाद में बर्तमान सरकारी अधिवक्ता धनंजय मंडल ने गवाह पेश किये थे जबकि प्रतिवादीगण जमीन मालिकों की ओर से अधिवक्तागण महेश्वर प्रसाद चौधरी, अशोक राय और स्वर्गीय केशव चंद्र तिवारी ने जिरह और दास्तावेजी सबूत पेश किये और जमीन मालिकों की ओर से बहस किया था।

फैसला भट्टाचार्या परिवार और जमीन खरीद कर घर बना चुके 456 लोगों के पक्ष में सुनाते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सह सिविल जज दो कुमारी जीव की अदालत ने झारखंड सरकार की सिविल वाद याचिका खारिज कर दिया और जमीन मालिकों खरीददारों के पक्ष की जीत हुई!
– अशोक कुमार राय, अधिवक्ता बचाव पक्ष