सात दिवसीय जीवन विद्या परिचय शिविर का शुभारंभ
देवघर स्थित सेवा धाम (नन्दन पहाड़ के नजदीक) में सप्त दिवसीय जीवन विद्या का परिचय शिविर कल दिनांक 13 सितम्बर को प्रारम्भ हुआ। इस अवसर पर पुणे से श्री श्रीराम नरसिम्हन भैया शिविर के प्रबोधक के रूप में उपस्थित रहे, जो अगले सात दिनों को जीवन विद्या को उपस्थित शिविरार्थियों के बीच रखेंगे।
उन्होंने बताया कि मध्यस्थ दर्शन, प्रणेता- ए नागराज जी, अंतर्गत जीवन विद्या, मानवीय शिक्षा के सम्पूर्ण आयामों को व्यावहारिक एवं तार्किक धरातल से प्रस्तुत करने का एक प्रस्ताव है। वर्तमान शिक्षा के समस्त शुभ प्रयासों के बावजूद शिक्षा मानव के सुखपूर्वक एवं व्यवस्थित जीने की योग्यता को विकसित कर पाने में आज असमर्थ है। इसे NEP2020 में भी अपेक्षाओं के रूप में पहचाना गया है। मानव के जीने के सभी अनिवार्य आयाम, जैसे कि परिवार, समाज और प्रकृति, जिसमें वह स्वाभाविक रूप से होता ही है, से उसका सम्बन्ध उसे स्पष्ट होना आवश्यक है, साथ ही उसका स्वयं के बारे में स्पष्ट एवं समाधानित होना भी आवश्यक है, तभी वह सुख पूर्वक जीने को सुनिश्चित कर सकता है। इसके लिए शिक्षा का दार्शनिक आधार क्या है और इसके आधार पर शिक्षा वस्तु क्या है, इसे स्पष्ट रूप से हम जीवन विद्या के माध्यम से देख सकते हैं। ऐसा होने पर ही शिक्षा से मानव में अपेक्षित उपलब्धियों को सुनिश्चित किया जा सकता है। दिनभर के सत्रों में और भी चर्चा हुईं जैसे कि मानव की आवश्यकताएं भौतिक भी हैं, किंतु साथ ही व्यावहारिक एवं बौद्धिक भी है। हम सभी के लिये ये तीनों ही अनिवार्य हैं और इन्हें सूक्ष्मता से शिविर सत्र में पहचान भी कराई गईं। मानव स्वरूपतः क्या है और ये आवश्यकताएं कैसे अस्तित्व में हैं और इनका परिवार, समाज और प्रकृति से कैसे सम्बन्ध, इन्हें विस्तार से आगे के दिनों में पूरा किया जाएगा।
इस अवसर पर देवघर IGNOU के क्षेत्रीय निदेशक सरोज मिश्र, श्याम सुंदर शिक्षा सदन की प्राचार्या निर्मला दीदी, मैत्रेयी किड्स के प्राचार्य एस डी मिश्र, देवस्थली विद्यापीठ के प्राचार्य पवन आर्य, गुरुकुल प्रिविजन रेजिडेंशियल स्कूल के प्राचार्य राजकुमार दुबे सहित कई अन्य उपस्थित थे। शिविर में कई प्रदेश, रांची, जमशेदपुर, पाकुड़, झाझा और भी अन्य प्रांतों से लोगों ने हिस्सा लिया है जिसमें युवा वर्ग से लेकर हर वर्ग के लोग उपस्थित रहे।