जीवित्पुत्रिका व्रत (जितिया व्रत) आज, जानें व्रत की पूजाविधि
हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बड़ा महत्व है। माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए जितिया व्रत रखती हैं। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल, इस आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ आज अर्थात 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से होगा और अगले दिन 25 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 25 सितंबर को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाएगा और 24 सितंबर को नहाए-खाए शुरू होगा। वहीं, 26 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा। हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का बड़ा महत्व है। हर साल महिलाएं संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं। मान्यता है ऐसा करने से स्त्रियों को संतान और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।
इस व्रत की पूजाविधि : इस व्रत के दिन सुबह जल्दी उठाकर स्नान करें। सूर्यदेव की पूजा करें। मंदिर में एक साफ चौकी रखें जिस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। सूर्य नारायण की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें स्नान कराएं एवं धूप,दीप और नैवेद्य अर्पित करें। अब गाय के गोबर या मिट्टी से सियार व चील की मूर्ति बनाएं। जीमूतवाहन भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। एवं विधिविधान से पूजा करें और व्रत की कथा सुनें।
याद रखें इस व्रत शुरू करने के बाद इसे बीच में छोड़ा नहीं जाता है। इस दिन स्नानादि के बाद कुश से बनी जीमूतवाहन भगवान की पूजा-आराधना की जाती है। व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें एवं जाने-अनजाने में भी मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। शास्त्र कहता है कि इस व्रत के दौरान व्रत का संकल्प लेने वाली महिला को बिस्तर पर नहीं बैठना और सोना चाहिए।