देवघर (शहर परिक्रमा)

जाने माने शिक्षक डॉ.डी.पी.बल ने ली अंतिम सांस

देवघर के जाने-माने शिक्षक, दीनबंधु उच्च विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव और होम्योपैथी के चिकित्सक डॉ.धर्मपद बल उर्फ़ डॉ.डी.पी.बल नहीं रहे। वे प्रोस्टेट की बीमारी से ग्रसित थे। पिछले चार दिनों से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी। 31 अक्तूबर (गुरुवार) के अहले सुबह तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सुनते ही परिजनों और शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गई। गुरुवार को ही देवघर श्मसान में उनका अंतिम संस्कार हुआ। मुखाग्नि उनके भतीजे तारननाथ बल ने दी।

दिवंगत डॉ.डी.पी.बल की शवयात्रा में दीनबंधु उच्च विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ.एन.सी.गांधी, विद्यालय न्यास समिति के सचिव शरदेंदु कुंडू, विद्यालय न्यास समिति के पूर्व सदस्य मिहिरललाल दास, प्रबंध समिति के वर्तमान सचिव संदीप गोस्वामी, संस्थापक शिक्षक विधानचंद्र मंडल, प्रधानाध्यापक काजल कांति सिकदार, शिक्षक सुनील कुमार सूर, शिक्षक जीतेंद्र कुमार चंद्र, शिक्षक उत्तम कुमार मंडल, आदेशपाल विकास कुमार दास उर्फ़ लाल्टू और राजू कुमार के साथ ‘हंस ध्वनि कला केंद्र’ के निदेशक विश्वनाथ बनर्जी, आर.एन.बोस बांग्ला लाइब्रेरी के सचिव पार्थो मुखर्जी, सहयोगी अजीत बनर्जी, पत्रकार शत्रुघ्न प्रसाद सहित अनेक लोग शामिल हुए।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक काजल कांति सिकदार ने बताया कि स्व.बल एक मृदुभाषी और हंसमुख इंसान थे।वे बड़े रोचक एवं प्रभावी ढंग से विद्यार्थियों को जीव विज्ञान तथा रसायन शास्त्र की शिक्षा देते थे। वे होम्योपैथी के चिकित्सक भी थे। इस क्रम में वे सन् 1976 से 1984 तक ‘ललित नारायण मिश्रा होम्योपैथी कॉलेज, कविलासपपुर(देवघर)के प्रिंसिपल रहे। सन् 1998 से 2009 तक ‘दीनबंधु उच्च विद्यालय’ के प्रधानाध्यापक, नंदन पहाड़ अवस्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रधानाध्यापक और सन् 2014 से मृत्युपर्यन्त विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव रहे।
डॉ.डी.पी.बल अपने पीछे पत्नी जया बल, एकमात्र पुत्री मोमिता बल छोड़ गए हैं। उनके दामाद विवेक भोपाल के केंद्रीय चिकित्सा शोध संस्थान में कार्यरत हैं।

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