शिव का अर्थ ही कल्याण है: मनुश्री महाराज
श्री श्याम जनकल्याणार्थ मनुश्री चैरिटेबल ट्रस्ट (रजि.) खाटू श्याम जी के सहयोगार्थ “श्री श्याम मंदिर”श्री श्याम कीर्तन मंडल कास्टर टाउन बैद्यनाथ देवघर में आज से मनुश्री जी महाराज (रतनगढ़ वाले) के श्रीमुख से श्री शिव महापुराण कथा प्रारंभ हुई।
सर्वप्रथम कथा में राजकुमार जी शर्मा ने सपत्नी श्री शिवमहापुराण की पोथी का पूजन अर्चन किया। उसके बाद कथा में मनुश्री जी महाराज (रतनगढ़ वाले) ने बताया कि शिव का अर्थ ही कल्याण है। जो व्यक्ति शिव का नाम लेता है उस जीव का कल्याण हो जाता है। इसलिए हर जीव को भगवान शिव का नाम सदैव लेते रहना चाहिए।
महाराज ने आगे कहा की श्री शिव महापुराण में 24000 श्लोक है एवं 7 संहिताएं हैं। सर्वप्रथम भगवान शिव ने इसी शिवमहापुराण में करोड़ों श्लोक लिखे बाद में वेदव्यास 24000 श्लोक में इसका निरूपण किया। मनुश्री जी महाराज (रतनगढ़ वाले) ने बताया कलयुग में जो व्यक्ति भगवान शिव का नाम लेता है, भगवान शिव का स्मरण करता है, भगवान शिव का पूजन करता है, उसके सभी पापों अक्षय होता है और जीव भगवान शिव की चरणों में जाकर मुक्ति पा जाता है। देवराज नामक ब्राह्मण जिसने एक बार भूल से भगवान शिव की कथा शिव मंदिर में सुन ली केवल उसे शिव कथा सुनने के प्रभाव से वह भगवान शिव के द्वारा पहुंच गया। इसलिए हमें हर समय भगवान शिव का मनन स्तवन और चिंतन करना चाहिए।
महाराज ने बताया कि महामृत्युंजय जाप, रुद्राक्ष एवं बिल्व पत्र की महिमा का वर्णन कोई नहीं कर सकता। जो जीव बिल्व पत्र लगाता है, बिल्व वृक्ष का एक पेड़ लगाता है, उसको एक करोड़ मंदिर बनाने का सौभाग्य मिलता है। बिल्व वृक्ष भगवान शिव को बहुत प्रिय है। बिल्व वृक्ष के नीचे बैठकर की गई पूजा, की गई उपासना, की गई साधना एवं किया गया भजन अक्षय हो जाता है। इसलिए हर जीव को अपने जीवन में एक बिल्व वृक्ष का पेड़ जरूर लगाना चाहिए और भगवान शिव का पूजन अर्चन स्मरण करना चाहिए।