फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन में पीएसजी ग्रुप निभा रहे हैं अहम भूमिका
देवघर: फाइलेरिया लाइलाज के साथ-साथ एक घातक बीमारी है। इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है। इसके अलावे प्रखंड, पंचायत और गांव स्तर पर इस अभियान को सफल बनाने में पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) पंचायत स्तर पर आमजनों को जागरूक करने में काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसी उद्देश्य के तहत सोमवार को देवीपुर प्रखंड के भोजपुर स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व मंगलवार को देवघर अर्बन क्षेत्र के हिरणा आंगनबाड़ी केंद्र पर पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) के सदस्यों को मोरबिलिटी मैनेजमेंट एंड डिसएबिलिटी प्रीवेंस (एमएमडीपी) की ट्रेनिंग दी गयी। इस दौरान फाइलेरिया मरीज पार्वती देवी व देवंती देवी के प्रभावित अंगों की साफ—सफाई कर मौके पर उपस्थित सभी सदस्यों को एमएमडीपी की ट्रेनिंग के बारे में जानकारी दी गयी।

जन—जागरूकता से ही फाइलेरिया उन्मूलन अभियान होगा सफल
इस बाबत जिला भीवीडीसी डॉ गणेश कुमार ने कहा कि जन-जागरूकता से ही कोई भी अभियान को सफल बनाया जा सकता है। इसलिए फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लिए सोमवार को देवीपुर प्रखंड के भोजपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और मंगलवार को देवघर अर्बन क्षेत्र के हिरणा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों के बीच एमएमडीपी ट्रेनिंग दी गयी। उन्होंने बताया कि एमएमडीपी प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया मरीजों को अपने प्रभावित अंगों की साफ— सफाई और व्यायाम के बारे में सीएफ एआर दल द्वारा बताया गया। उन्होंने कहा कि अगर फाइलेरिया मरीज अपने प्रभावित अंगों की नियमित साफ—सफाई के साथ—साथ अगर व्यायाम करते हैं। तो इन्हें फाइलेरिया बीमारी से काफी राहत मिल सकती है। यह कार्य योजनाबद्ध तरीके से देवघर जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्रों में किया जाना है। ताकि देवघर जिले में फाइलेरिया के रोकथाम के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा सके और इसके प्रसार को भी रोकने में जन समुदाय अपना अहम भागीदारी निभा सकें। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के पीआरआई सदस्यों के साथ शिक्षा विभाग, आईसीडीएस एवं जीएसएलपीएस से भी सहयोग अपेक्षित है।
फाइलेरिया के मरीजों को मिल रहा है दिव्यांगता प्रमाण पत्र
इस संबंध में भीवीडीसीओ डॉ अभय कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों को झारखंड राज्य में वर्णित मापदंड के अनुसार दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हैं। वे अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में संपर्क कर प्रत्येक माह के 21 तारीख को जिला सदर अस्पताल, देवघर में लगने वाले विकलांगता शिविर में आकर अपनी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवा सकते है। उन्होंने कहा कि उक्त दिव्यांगता प्रमाण पत्र को निर्गत कराने में पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य भी काफी सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं। डॉ अभय कुमार यादव ने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो भी फाइलेरिया बीमारी से पीड़ित हैं, वह स्वयं व अपने परिवार के सदस्यों तथा अपने पास पड़ोस के लोगों को भी बीमारी के उपचार व बचाव हेतु जागरूक करें।
फाइलेरिया बीमारी का नहीं है कोई उपचार
भीवीडीसीओ डॉ अभय कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी का कोई उपचार नहीं है। अगर कोई व्यक्ति को फाइलेरिया बीमारी होती है। तो उसके लक्षण दिखने में कम से कम 10 से 15 वर्षों का समय लग जाता है। अत: इस बीमारी का बचाव ही एकमात्र उपचार है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया बीमारी दुनिया की दूसरी सबसे भयंकर कुरुपता एवं स्थायी दिव्यांगता लाने वाली बीमारी है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन और आमजनों को जागरूक करने में पीएसजी के सदस्यों द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है। जो काफी सराहनीय है।
एमएमडीपी ट्रेनिंग के दौरान सीएचओ अनिता तिग्गा, फाइलेरिया मरीज बबलू मंडल, मुन्ना राम पंडित, पदमावती देवी, पार्वती देवी, देवकी देवी, अझोला देवी, सीता देवी, डोली देवी, हेमन्ती देवी के अलावे सहिया रीना देवी, सेविका कल्पना भारती, एएनएम सोनी कुमारी मौजूद थे।