देवघर (शहर परिक्रमा)

विशेष तिथि के कारण बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

देवघर: हिंदू कैलेंडर के अनुसार बैशाख शुक्ल पक्ष को मांगलिक कार्यों के लिए विशेष शुभता और धार्मिक महत्ता के कारण विवाह और यज्ञोपवीत संस्कारों की धूम रहती है। इस अवधि में कई परिवारों में मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं, जो जीवन के नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक हैं।
   विवाह संस्कार हिंदू संस्कृति में दो व्यक्तियों के जीवन को एक सूत्र में बांधने का पवित्र बंधन है, जिसमें परिवार, समाज और संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वहीं, यज्ञोपवीत संस्कार एक महत्वपूर्ण संस्कार है जो व्यक्ति के जीवन में नई शुरुआत और उत्तरदायित्वों की ओर संकेत करता है।


       तीर्थ पुरोहित हीरा द्वारी ने बताया कि बैशाख शुक्ल पक्ष की शुभता और धार्मिक महत्ता के कारण इस दिन होने वाले मांगलिक कार्यों में परिवार और समाज की भागीदारी से सामूहिकता और सौहार्द का वातावरण निर्मित होता है। धार्मिक अनुष्ठानों और विधियों के माध्यम से इन संस्कारों को संपन्न करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मंगल का संचार होता है। यही कारण है कि बैशाख शुक्ल पक्ष विक्रम संवत 2082, दिनांक 9 मई 2025 को बाबा रावणेश्वर बैद्यनाथ के मंदिर में लगभग 300 विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार और मुंडन इत्यादि किया गया।
      उन्होंने आगे कहा कि इस माह में विवाह आदि के लिए कई शुभ तिथि है लेकिन विशेष तिथि के कारण कल बाबा मंदिर में अत्यधिक भीड़ रही। इस दौरान कई समाज व वर्ग के श्रद्धालुओं ने अलग अलग आयोजन कर सुख व समृद्धि की कामना की।