देवघर (शहर परिक्रमा)

पूरे जून माह को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया जाएगा

सिविल सर्जन डॉ. जे.के. चौधरी एवं जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ. अभय कुमार यादव के निर्देशानुसार आज से शुरू हो कर पूरे जून महीने तक देवघर जिले के सभी आठ सीएचसी/दस प्रखंड अंतर्गत गांवों, स्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) सेंटरों एवं सीएचसी के साथ देवघर शहरी क्षेत्रों में एनयूएचएम कर्मियों यथा सहिया, एमपीडब्ल्यू, एएनएम एवं सीएचओ आदि द्वारा मलेरिया रोधी माह मनाया जा रहा है। जिसके तहत ग्राम गोष्टी, रैली, आईपीसी द्वारा माध्यमों से प्रचार-प्रसार के साथ-साथ फीवर सर्वे आदि कार्य किया जा रहा है और आगे भी किया जायेगा।

इस दौरान मलेरिया से बचाव संबंधी जानकारी हेतु हैंडबिल आदि का भी वितरण किया जा रहा है तथा सभी सीएचसी अस्पताल एवं अन्य जगहों पर मलेरिया से बचाव हेतु होर्डिंग, पोस्टर- बैनर आदि भी लगाए गये है। साथ ही समुदाय को मच्छरदानी में सोने तथा अपने आस-पास जल जमाव नहीं करने के लिए प्रेरित किया गया। खासकर बरसात में जल जमाव के दौरान मच्छरों की जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि को रोकने हेतु कारगर कदम उठाने के लिए प्रेरित किया गया। बड़े जल-जमाव वाले जगह/गड्ढों में जला हुआ मोबील डालने के लिए बताया गया तथा छोटे-मोटे गड्ढ़ों को मिट्टी से ढंक देने अथवा उसके पानी को निकाल कर सुखा देने के लिए प्रेरित किया गया।

आगे बताया गया कि मलेरिया फैलाने वाली “एनोफिलिस” मच्छर स्वच्छ जमें हुए पानी में पनपते हैं। इस लिए प्रत्येक सप्ताह में एक दिन सूखा दिवस मनाकर मच्छरों को मानसून के दौरान तथा मानसून के पश्चात पनपने से रोका जा सकता है। जो मच्छरों के घनत्व को नियंत्रित करने में सहायक हो सिद्ध होता है।
मलेरिया से बचाव का आसान तरीका के लिए लोगों को बताया गया कि मच्छर के काटने से बचे, इसके लिए शाम के समय धुआं करें, शाम को घर के दरवाजे-खिड़की बंद कर दें, यथासंभव सभी दरवाजे-खिड़कियों में मच्छरों रोधी जाली लगवावें, मच्छर रोधी क्रीम अथवा अगरबत्ती का प्रयोग करें, नीम के खल्ली का धुआं करें, पूरे आस्तीन के कपड़े पहने, विशेष कर बच्चों एवं गर्भवती माताओं को इसमें विशेष सावधानी बरतने के लिए बताया गया और प्रत्येक एएनसी जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क मलेरिया जांच कराने हेतु प्रेरित किया गया। बताया गया कि मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलिस मच्छर के काटने से होता है। मच्छर के काटने के बारह से चौदह दिनों बाद लक्षण में ठंड लगने के साथ बुखार आ जाता है तथा बुखार पसीनें के साथ उतर जाता है। इसके साथ सर दर्द बदन दर्द उल्टी लगे आदि जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसा होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर निशुल्क मलेरिया जांच करा सकते हैं एवं मलेरिया धनात्मक आने पर इसके लिए उपचार हेतु चिकित्सक के परामर्श अनुसार दवा की पूर्ण खुराक खाने चाहिए, जो सभी सरकारी अस्पतालों में मुक्त उपलब्ध है।

उपरोक्त गतिविधियां जिला स्तर पर जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ अभय कुमार यादव एवं जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार यादव तथा प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं एमटीएस, एस.आई. के निगरानी में संपादित किए जा रहे हैं।