दुमका: बाल विवाह, बाल यौन शौषण, बाल श्रम और बाल तस्करी के दुष्परिणामों से अवगत कराया
दुमका (जामा): जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त तत्वावधान एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन यूएस के सहयोग से मंगलवार को जामा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कमारदुधानी से स्कूली बच्चों, शिक्षकों एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गयी। प्रभात फेरी के माध्यम से ग्रामीणों को समाज में व्याप्त बाल विवाह, बाल यौन शौषण, बाल श्रम और बाल तस्करी के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया और एक स्वच्छ समाज का निर्माण में सामाजिक योगदान देने की अपील की गयी। रैली के माध्यम से बताया गया कि सभी बच्चे सुरक्षित, शिक्षित और स्वस्थ हों। प्रभात फेरी के उपरांत विद्यालय के शिक्षकों के देख रेख में स्कूली बच्चों के बीच एक चित्रांकन टोली बनाकर प्रतियोगिता आयोजित की गयी और अच्छे प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया।इसका उद्देश्य बच्चों में बाल विवाह और बाल श्रम के प्रति मनोवैज्ञानिक जागरूकता पैदा करना है। चित्रांकन प्रतियोगिता में बच्चों ने बाल विवाह के परिघटनाओं को चित्रांकित किया और इन्हें ग्राम ज्योति के सदस्यों द्वारा प्रथम, द्वितीय पुरस्कार से सम्मनित किया गया। इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाध्यापक दीवीन मरांडी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम होने से और संस्थागत प्रयास से बेशक समाज में बदलाव आयेगा। हम शिक्षकों का दायित्व बनता है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ–साथ एक भय मुक्त, मैत्रीपूर्ण वातावरण प्रदान करें। ताकि आज के बच्चे कल देश का एक आदर्श नागरिक बन सके। पीएलवी हीरालाल ने सबों के समक्ष बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 एवं पोक्सो अधिनियम 2012 की जानकारी दी। इसके उपरांत कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फ़ाउंडेशन यूएस की ओर से मुकेश कुमार दुबे ने बाल सुरक्षा एवं देखभाल के विषयो को लेकर प्रकाश डाला साथ ही शिक्षको, बच्चों सहित सबों को बाल विवाह ना करने की शपथ दिलायी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पवन कुमार, शिक्षक निर्मल कुमार पाल, निर्मला मुर्मू, स्वेता कुमारी, खुशबू कुमारी आदि ने मुख्य भूमिका निभायी।
रिपोर्ट- बीरबल कुमार दर्वे Birbal Kumar Darve