‘देवघर कॉलेज’ के संस्थापक प्राचार्य के.एन.सहाय की मनाई गई 14 वीं पुण्यतिथि
संताल परगना में उच्च शिक्षा के अग्रदूत थे के.एन.सहाय: उमेश कुमार
‘देवघर कॉलेज’ के संस्थापक प्राचार्य, सुनामधन्य इतिहासकार और भाषाविद् स्व.के.एन.सहाय की 14वीं पुण्यतिथि आज बैद्यनाथधाम स्टेशन रोड के निकट आई.एम.ए. हॉल में ‘झारखण्ड शोध संस्थान’ और ‘के.एन.सहाय फाउण्डेशन’ के संयुक्त तत्वावधान में समारोहपूर्वक मनाई गई। संस्थान के वरिष्ठ सदस्य एवं संरक्षक प्रो.रामनंदन सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत और समारोह का संचालन किया। संस्थान के सचिव उमेश कुमार ने शिवनगरी देवघर के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में के.एन.सहाय की महनीय भूमिका का श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए ‘झारखण्ड राज्य दिगंबर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड’ के अध्यक्ष ताराचंद जैन ने कहा कि के.एन.सहाय ने उच्च शिक्षा और शैक्षिक अनुशासन के मामले में एक आधुनिक देवघर की बुनियाद रखी थी। उन्होंने के.एन.सहाय द्वारा अनुसंधानित बौद्धकालीन प्रतिमाओं की विशेष चर्चा करते हुए उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बतलाया।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए तथा के.एन. सहाय की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन समर्पित करते हुए देवघर विधायक नारायण दास ने कहा कि के.एन.सहाय देवघर ही नहीं पूरे संताल परगना में उच्च शिक्षा के अग्रदूत थे। के.एन.सहाय ने शिक्षा को शील, संस्कार और अनुशासन से जिस कुशलता से जोड़ा, वह अपनी मिसाल आप है। संताल परगना के सारस्वत महापुरुषों में के.एन.सहाय का नाम सदैव सम्मान से लिया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में ‘ए.एस.कालेज़’ के इतिहास विभाग के चर्चित प्राध्यापक डॉ.नंदन किशोर द्विवेदी ने कहा कि के.एन.सहाय देश के उन इतिहासकारों में शुमार हैं जिन्होंने वस्तुनिष्ठ नजरिए से चीजों को देखा-परखा। उनके पूरे परिवार पर के.एन.सहाय का आशीष रहा है और तभी उनकी थीसिस में वह वह प्रभाव पैदा हो सका जिससे जेएनयू के परीक्षक तक भी प्रभावित हुए।
अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी कुमार रंजन ने के.एन.सहाय के साथ अपने संबंधों का भावपूर्ण विवरण दिया।
समारोह में जहां कवि एवं गीतकार अरुण कुमार शर्मा ने जयशंकर प्रसाद की एक कविता में के.एन.सहाय के काव्यगंधी व्यक्तित्व को पिरो दिया, वहीं कवि जालेश्वर प्रसाद ‘शौकीन’ ने अपनी कविता ‘एक चिराग जलाया था जिसने देवघर को शिखर पर पहुंचाने के लिए/इस शहर को एक प्रतिभावान शहर बनाने के लिए’ के माध्यम से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.’सेवार्थ’ के अध्यक्ष पवन कुमार टमकोरिया ने इस शहर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने में हो रही देरी पर चिंता जाहिर की।
समारोह में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सेवानिवृत्त जीएम मनोरंजन प्रसाद, सर्राफ स्कूल के प्रधानाचार्य एवं साहित्यकार डॉ.विजय शंकर, शिक्षाविद् कैलाश कापरी ‘प्यासा’, पूर्व गृहमाता सुशीला सिन्हा, पूर्व पशु चिकित्सक डॉ.उमेशचंद्र सिन्हा, कहानीकार प्रशांत कुमार सिन्हा, चिकित्सक डॉ.अशोक कुमार सिन्हा, पत्रकार शत्रुघ्न प्रसाद, पत्रकार प्रमेश कुमार वर्मा, स्वदेशी जागरण मंच के मनोज कुमार सिंह, व्यवसायी भोला प्रसाद चौधरी, समाजसेवी रवीन्द्र नाथ मिश्रा(दद्दू जी), वास्तुकार पी.के.राजहंस, कवि धीरेंद्र छतहारवाल, कवि रविशंकर साह, कवयित्री डॉ.पल्लवी ‘गुंजन’, समाजसेवी शंकर दास, समाजसेवी सुनील कुमार गुप्ता, व्यवसायी धनिक प्रसाद राव, छात्रा आयशा सिंह, छात्र दर्शील रावत, छात्र अभिराज तथा संस्थान सदस्य कुमारी सुनीता मौजूद थी। उमेश कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के बाद संचालक प्रो.रामनंदन सिंह ने समारोह का समापन कर दिया।