दुमका (शहर परिक्रमा)

दुमका: अपनी मांगों को लेकर आदिवासी मूलवासी विकास मोर्चा ने किया धरना प्रदर्शन कार्यक्रम

दुमका: जिले के रानीश्वर प्रखंड के मसानजोर डैम से विस्थापित- पुनर्वासित ग्रामीणों की विशेष माँग पर सोमवार को समाज सेवी जनसंगठन आदिवासी मूलवासी विकास मोर्चा ने केन्द्रीय अध्यक्ष हाबिल मुर्मू के नेतृत्व में उनके विभिन्न बुनियादी समस्या का समाधान को लेकर रघुनाथपुर मुख्य सड़क-चौक होते हुए रानीश्वर प्रखंड कार्यालय परिसर तक रैली व धरना-प्रदर्शन कर आवाज बुलंद किया गया।
इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी का ध्यान आकर्षण हेतु मसानजोर डैम से विस्थापित-पुनर्वासित एम.आर.ओ मौजा-मसाङपाड़ा (मसानजोर), बाघमारा, पाथरचाल, महेशखाला बाभन सहित अन्य ग्राम के ग्रामीणों का माँग को यथाशीघ्र पूरा करने के संबंध में निवेदन किया गया।


मसानजोर डैम से विस्थापित- पुनर्वासित राजस्व मौजा- मसाङपाड़ा (मसानजोर), बाघमारा, पाथरचाल, महेशखाला बाभन के जमाबंदी रैयत के आपबीती बातों से पता चला है कि उनको तत्कालीन समय से रानीश्वर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के राजस्व ग्रामों में पुनर्वास कराया गया है। जो सभी अधिकांशतः संताल आदिवासी हैं जो अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
उनके कथनानुसार उन्हें पुनर्वासित स्थल पर स्वशासन हेतु एसपीटीएक्ट और पेसा कानून के अनुसार अपने निज ग्राम और रैयतों के लिए राजस्व ग्राम पट्टा प्रधान नहीं हैं केवल पारंपरिक ग्राम प्रधान के भरोसे हैं। मसानजोर डैम से विस्थापन पूर्व उनका मौजा एक राजस्व मौजा था, जिनके पंच (मोंड़ें लेखा होड़ : पट्टा प्रधान, जोगमाँझी, पाराणिक, नाईकी और गोडेत) अब विलुप्तप्राय हो गए हैं जिसका पारंपरिक स्वशासन, रीति-रिवाज, संवैधानिक राजस्व अधिकार, गरिमा और अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है।
वे आगे बताते हैं कि उनका खेती लायक जमीन-जायदाद अत्यंत कम रहने के कारण आजीविका, रोजगार और पलायन को लेकर विलुप्तप्राय हो रहे हैं। उन पुनर्वासित परिवारों के लिए कोई विशेष आँगनबाड़ी केन्द्र, प्राथमिक/मध्य/उच्च विद्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र, रोजगारपरक प्रशिक्षण, पक्की सड़क, पेयजल, सिंचाई साधन, माँझी थान, पीएम आवास, शौचालय, सामुदायिक भवन बिजली सेवा और सुविधा का अभाव है और उन्हें वर्तमान में विभिन्न सरकारी लाभ के सामान्य तौर पर पड़ोसी केन्द्र पर उन्हें जोड़ा गया है जहाँ उन्हें दूरी और अनुपयुक्त वातावरण झेलना पड़ रहा है, जिससे उनके परिवारगण कुपोषण, बीमारी, अशिक्षा, बेरोजगारी, पलायन जैसी समस्या से जूझ रहे हैं।
धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के पश्चात आदिवासी मूलवासी विकास मोर्चा ने एक मांग-पत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को सोपा, जिसमें प्रमुख हैं क्रमशः
(1) मसानजोर डैम से विस्थापित-पुनर्वासित राजस्व मौजा- मसाङपाड़ा (मसानजोर), बाघमारा, पाथरचाल, महेशखाला बाभन के जमाबंदी रैयतगणों व परिवारों का
चिन्हीकरण किया जाए।
(2) सभी पुनर्वासित राजस्व ग्राम के पंच (लेखा होड़: प्रधान, पाराणिक, जोगमाँझी, नाईकी, गोडेत) को सरकारी लाभ प्रदान हेतु सूचीबद्ध किया जाए और विस्थापन पूर्व राजस्व ग्राम के तर्ज पर ग्राम प्रधान को पट्टा दिया जाए तथा सरकारी कल्याणकारी लाभ प्राप्ति हेतु अपने निज रैयतों के लिए ग्राम सभा आयोजन करने का अधिकार प्रदान किया जाय।
(3) पुनर्वासित परिवारों को मासिक/वार्षिक आजीविका भत्ता दिलाया जाय।
(4) बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार परक प्रशिक्षण, कला- संस्कृति का प्रशिक्षण व संसाधन,
पशुपालन हेतु पशुधन, सिंचाई साधन उपलब्ध कराया जाए।
(5) पुनर्वासित परिवार के लिए अलग से विशेष आँगनबाड़ी केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र,
जलमीनार और पाईपलाईन द्वारा पेयजल आपुर्ति कराया जाय।
(6) पुनर्वासित परिवार के विद्यार्थियों को एकलव्य/कस्तूरबा विद्यालय पर पचास प्रतिशत सीट पर नामांकन सुविधा प्रदान किया जाय।
(7) पुनर्वासित परिवारों के लिए सामुदायिक पुस्तकालय भवन, पुस्तक, दैनिक समाचार पत्र, सामुदायिक कला संस्कृति भवन, माँझी थान उपलब्ध कराया जाय।
(8) सभी पुनर्वासित परिवारों को “अबुआ आवास” या “पीएम आवास” उपलब्ध कराया जाए।
(9) पुनर्वासित रैयतों को गैंजर सेटलमेंट का खतियान उपलब्ध कराया जाए। तथा जब तक खतियान उपलब्ध नहीं कराया जाता तब तक जाति/निवासी/आय प्रमाण-पत्र निर्माण करने में स्थानीय अंचल कर्मियों द्वारा विशेष सेवा और सुविधा उपलब्ध कराया जाए ।
(10) राँगालिया पंचायत कार्यालय से
मसाङपाड़ा (मसानजोर) तक (दूरी-डेढ़ किलोमीटर करीब) पक्की सड़क निर्माण कराया जाए।
(11) पुनर्वासित परिवार के लिए अंत्योदय राशन कार्ड उपलब्ध कराया जाए।
(12) पाथरचाल ग्राम के प्राथमिक विद्यालय को पुनः चालू किया जाए और बच्चों का शिक्षा का अधिकार को संरक्षण किया जाए तथा पाथरचाल से पलाशपाड़ा तक बदहाल आवागमन रास्ता को पक्कीकरण किया जाए।
(13) यथाशीघ्र बाघमारा मौजा का टूटा हुआ सिंचाई नहर का मरम्मत किया जाय।
इस मौके पर ग्रामीणों ने अपना व्याप्त आक्रोश को जाहिर करते हुए भत्ता नहीं तो वोट नहीं, केन्द्र/राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन हमारी माँगें पूरी करो, पुनर्वासित परिवार के साथ न्याय करो जैसे आवाज बुलंद किया।
अंत में स्थानीय प्रखंड प्रशासन और अंचलाधिकारी को एक माँग पत्र समर्पित किया गया।
मौके पर आदिवासी मूलवासी विकास मोर्चा, (प्र.) संताल परगाना के केन्द्रीय अल्पसंख्यक अध्यक्ष मंजर अंसारी, केन्द्रीय उपाध्यक्ष मरकुश मुर्मू, प्रखंड अध्यक्ष परमेश्वर हाँसदा, अताऊल अंसारी, बसंती देवी, हराधन, सुमीता टुडू, तसलील टुडू, गोरमुनी बेसरा, बिटीया हेम्ब्रम, शिकार सोरेन, लोबिन किस्कू, भाटीदार किस्कू, गोविन्द्र टुडू, कुलीन टुडू, मोतीलाल टुडू सहित भारी तदाद पर पुनर्वासित ग्रामीण महिला-पुरूष उपस्थित थे।

रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan