दुमका: जिला स्तरीय समन्वय बैठक संपन्न
दुमका: उपायुक्त ए. दोड्डे के निर्देशानुसार जिला समाज कल्याण कार्यालय द्वारा ग्राम ज्योति कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन US के सहयोग से शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में बाल विवाह की रोकथाम हेतु एक दिवसीय जिला स्तरीय समन्वय बैठक संपन्न हुई।
बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राजकुमार उपाध्याय, कुमारी विजया लक्ष्मी, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य, किरण तिवारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी, अनिल मोहन ठाकुर, श्रम अधीक्षक, रमेश प्रसाद सिंह, चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष मुस्ताक अली, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी गण एवं बच्चों के द्वारा संयुक्त रूप के विधिवत दीप प्रज्वलित कर बैठक का शुभारंभ किये। दीप प्रज्वलन कार्यक्रम के उपरांत ग्राम ज्योति के अरुण शर्मा द्वारा बाल विवाह उन्मूलन जागरूकता गीत प्रस्तुत किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ अमरेंद्र कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है और इसे सामूहिक प्रयास से दूर किया जा सकता है। हमें संगठित रूप से जागरूकता करने की आवश्यकता है, ताकि जिला के प्रत्येक बच्चे सुरक्षित व संरक्षित हो। जिले में जितने भी संबंधित पदाधिकारी एवं कार्यरत स्वयं सेवी संस्थाए है वे अपने जागरूकता कार्यक्रमों में बाल विवाह को प्राथमिक मुद्दा के रूप में रखें, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाल विवाह से बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास अवरुद्ध होता है। बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ राजकुमार उपाध्याय ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 तथा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 अंतर्गत धारा 75 पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अगर किसी नाबालिक बच्चों का बाल विवाह होता है, तो एक तरह से वह नाबालिक क्रुरता का शिकार बनता है, जिसे जेजे एक्ट के धारा 75 के अंतर्गत सजा के रूप में तीन साल का कारावास एवं एक लाख रुपए जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। बैठक में उपस्थित किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य, किरण तिवारी ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 का उद्देश्य बाल मैत्री वातावरण एवं प्रक्रिया के तहत् बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए विधि से संघर्षरत बच्चों के समुचित न्याय सुनिश्चित करने, देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में उपस्थित जिला बाल संरक्षण ईकाई से विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी अनिल मोहन ठाकुर ने अपने वक्तव्य में कहा कि कानून के साथ साथ सामाजिक न्याय व्यवस्था के तहत बाल विवाह रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए।
बैठक में ग्राम ज्योति/कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन दुमका के कार्यक्रम समन्वयक नरेन्द्र शर्मा ने आज तक संस्था के द्वारा बाल विवाह के रोकथाम हेतु किए गए कार्यों पर विस्तृत जानकारी साझा किये। उन्होंने बताया कि बाल विवाह उन्मूलन हेतु अब तक दुमका जिला अंतर्गत करीब तीन लाख लोगों को बाल विवाह के विरुद्ध शपथ दिलाया, जिले के पांच प्रखंड से 39 पंचायत प्रतिनिधियों ने बाल विवाह जैसे सामाजिक कुरीति को जड़ से ख़त्म करने हेतु अपने पंचायतों को बाल विवाह मुक्त करने की घोषणा की, इसके साथ ही कई अन्य लाभकारी अभियान के विषय पर प्रकाश डाला। बैठक का मंच संचालन ग्राम ज्योति के मुकेश दुबे ने किया। अंत में ग्राम ज्योति की निदेशक आभा जी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर बैठक की समाप्ति की गई।
उक्त बैठक को सफल बनाने में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, जिला समाज कल्याण कार्यालय के कर्मी, जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय के कर्मी चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रॉजेक्ट कॉर्डिनेटर रितिका कुमारी एवं सदस्यगण, जिला अंतर्गत स्वयं सेवी संस्था- लोक कल्याण सेवा केंद्र, पिरामल फाउंडेशन, यूनिसेफ, प्रवाह, ग्राम साथी, प्रयास फाउंडेशन, जबाला, लहांती, के प्रतिनिधियों ने एवं किशोर किशोरियां ने अहम भूमिका निभाई।
रिपोर्ट- आलोक रंजन