दुमका (शहर परिक्रमा)

देवघर: संताल परगना चैंबर ने एसबीआई के साथ मिलकर एमएसई उद्यमियों के लिए वित्तीय अनुशासन पर कार्यशाला का किया आयोजन

देवघर: दिनांक 22.03.24 को पूर्वाह्न 11:30 बजे स्थानीय वायरे मॉल में संताल परगना चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, देवघर ने भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय कार्यालय, देवघर के साथ संयुक्त रूप से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों के लिए वित्तीय साक्षरता और अनुशासन पर एक विस्तृत कार्यशाला का आयोजन किया। संभवतः ऐसा प्रयास झारखंड में पहली बार किया गया जब बैंक से ऋण लिए हुए लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों के लिए बैंक और चेंबर ऑफ कॉमर्स एक साथ मिलकर वित्तीय साक्षरता और अनुशासन के लिए कार्यशाला आयोजित किया हो ताकि लघु उद्यमियों को अपने व्यवसाय को नियमित बनाने में सहयोग मिल सके। वे न सिर्फ स्वावलंबी बनें बल्कि अपने उद्यम से लोगों को रोजगार भी दे सकें। इस कार्यशाला में बैंक और चेंबर के प्रतिनिधियों ने बैंक खाता संचालन, स्टॉक मैनेजमेंट, बैंक ट्रांजैक्शन, टर्नओवर, प्रॉफिट एंड लॉस, हिसाब किताब रखना, अच्छा खाता, खराब खाता और एनपीए सभी पहलुओं पर बारीकी और व्यावहारिकता के साथ अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही नए ऋण या ऋण में वृद्धि के लिए अपने बैंक अकाउंट को नियमित रखने के तरीके बताया। इस कार्यशाला में पीएम स्वनिधि, एनएलयूएम, मुद्रा लोन और पीएमईजीपी लोन लेकर अपना बिजनेस चला रहे सैकड़ो उद्यमी उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए संप चेंबर के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व ही एसबीआई के चेयरमैन श्री दिनेश खारा के साथ चैंबर की बैठक में चेंबर और बैंक के बीच उद्यमों के सहूलियत, ऋण और वसूली पर परस्पर सहयोगात्मक रवैए की जरूरत पर चर्चा हुई थी। इसी परिपेक्ष्य में एमएसई के लिए संयुक्त रूप से इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें चैंबर, देवघर के सीए प्रतिनिधि तथा एसबीआई आगे आए है। चैंबर अध्यक्ष ने इसके लिए एसबीआई के प्रति आभार प्रकट किया तथा आशा व्यक्त किया कि इससे उद्यमियों को अपने व्यापार के सफल संचालन और आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में देवघर क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय प्रबंधक रविशंकर चौधरी ने सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए बेहतरीन कार्य किया है और यह पूरे झारखंड में एक उदाहरण है। उन्होंने उपमहाप्रबंधक श्री विश्व रंजन आचार्य की भी प्रशंसा की कि उनके ही नेतृत्व में देवघर के सूक्ष्म और छोटे उद्यमियों को लगातार लाभ मिल रहे हैं।


विदित हो कि पिछले 2 वर्षों में लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए एसबीआई के देवघर क्षेत्रीय कार्यालय ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त किए हैं। इनकी कई उपलब्धियां इन्हें पूरे झारखंड में अग्रणी बना रही है। पीएम स्वनिधि के तहत 4000 से अधिक स्ट्रीट वेंडरों के मामलों को निष्पादित करते हुए ऋण दिए गए हैं, जिनमें से लगभग 2700 मामलों को इस वर्ष ही मंजूरी दी गई है। पीएम स्वनिधि में पहली तिमाही में 10,000 रुपये दिए जाते हैं और यदि खाता स्थिर रहता है तो 20,000 रुपये और अगले वर्ष 50,000 रुपये तक दिए जाते हैं।
इसी तरह एनयूएलएम के तहत लगभग 250 मामलों को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत 2 लाख रुपये तक के ऋण मंजूर किए गए हैं।
वित्त वर्ष के दौरान पीएमईजीपी के तहत लगभग 115 मामलों को मंजूरी दी गई है। पीएमईजीपी में ऋण राशि का 35% तक सब्सिडी दी जाती है।
इसी तरह खाद्य और प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पीएमएफएमई के तहत लगभग 30 मामलों को मंजूरी दी है।
एसबीआई ने मुद्रा और पीएमईजीपी योजना के तहत हस्तशिल्प उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पालाजोरी ब्लॉक में 30 कारीगरों को ऋण दिया है। स्थानीय निगम क्षेत्र के दुर्गापुर और जूनपोखर में एक उत्पाद एक जिला के तहत 20 से अधिक मामलों को मंजूरी दी है जिसमें पीएमईजीपी और मुद्रा लोन के तहत ऋण स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष के दौरान विभिन्न मुद्रा ऋण और एमएसएमई ऋण स्वीकृत और वितरित किए गए हैं। स्टेट बैंक छोटे और मध्यम उधारकर्ताओं पर विशेष ध्यान देने की कोशिश कर रहा है और ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है, जहां जरूरतमंद व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों के लिए बिना किसी हिचकिचाहट के बैंक आ सकते हैं। एसबीआई देवघर के क्षेत्रीय प्रबंधक रविशंकर चौधरी ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह के अधिकांश ऋण लोन मेला, अवेयरनेस कैंप आयोजित करके दिए गए। उन्होंने ऐसे कैंप और ग्रुप में लोन की प्रक्रिया में चैंबर के सहयोग और बैंक के साथ सहयोग के लिए चैंबर अध्यक्ष आलोक मल्लिक की प्रशंसा की।
एसबीआई देवघर के उप महाप्रबंधक श्री विश्व रंजन आचार्य ने कार्यशाला के मुख्य अतिथि के तौर पर अपने उद्बोधन में वित्तीय समावेशन और अनुशासन पर बैंक के साथ मिलकर इस कार्यशाला के आयोजन के लिए चैंबर को अनेक साधुवाद देते हुए आभार प्रकट किया। पहली बार लघु उद्यमियों को प्रशिक्षित करने और प्रेरित करने के लिए ऐसे आयोजन और इसमें भाग ले रहे सैकड़ो उद्यमियों की उत्सुकता और इनमे से काफी संख्या में महिला उद्यमियों की उपस्थिति से वे काफी प्रसन्न दिखे। डीजीएम ने भी वित्तीय अनुशासन के लिए सूक्ष्म बातों पर विशेष ध्यान देने, बिजनेस इंश्योरेंस रखने और बैंकिंग और डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए उद्यमियों को प्रेरित किया।
वित्तीय अनुशासन और स्वस्थ खाता संचालन पर विशेषज्ञ वक्ताओं के रूप में बाजार शाखा के मुख्य प्रबंधक प्रणय कुमार, क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य प्रबंधक श्री प्रभा शंकर झा, वीरेंद्र कुमार सहित चेंबर के महासचिव सीए रितेश टिबरेवाल ने बहुत ही बारीकी के साथ छोटे उद्यमियों को अपने बिजनेस को बड़ा स्वरूप तथा कुशल संचालन की बातें बताई। क्यू ए सेशन में उद्यमियों की जिज्ञासा और प्रश्नों के भी उत्तर दिए गए।
इस अवसर पर उपरोक्त के अलावे संप चैंबर से सीए पंकज सुलतानियां, पंकज कुमार भालोटिया, संजय मालवीय, कनिष्क कश्यप, दीपक सराईयां और कई बैंक अधिकारी उपस्थित थे।