देवघर (शहर परिक्रमा)

इग्नू और शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित

आज देवघर के न्यू ग्रैंड होटल के बैंक्विट हॉल में शिक्षक दिवस के अवसर पर इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, देवघर और शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट, देवघर के संयुक्त तत्वाधान में इग्नू के शिक्षार्थियों के द्वारा शिक्षक ससम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर इग्नू से जुड़े विद्वानों एवं शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, देवघर के सहायक निदेशक डॉ सरोज कुमार मिश्र, देवघर महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्राचार्य डॉ सुंदर चरण मिश्र, जिला कल्याण पदाधिकारी, देवघर के दयानंद दुबे एवं हिंदी विद्यापीठ बी एड कॉलेज, देवघर की प्राचार्या डॉ आशा मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आरंभ किया।
सभी विद्वानों, अतिथियों एवं शिक्षार्थियों के द्वारा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित विद्वानों एवं शिक्षकों को पुष्प गुच्छ, शॉल, डायरी, पेन एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन इग्नू के शिक्षार्थी राजीव जी ने किया। डॉ विजय शंकर ने अपने उद्बोधन में गुरु और शिष्य की परंपरा का उदाहरण प्रस्तुत किया।धरती पर त्रिदेव की भूमिका का बखूबी निर्वहन करते हैं गुरु। अद्यतन ज्ञान और निरंतर ध्यान गुरु के संज्ञान में रहना चाहिए। पठन-पाठन और लेखन से अपना और अपने छात्रों का कल्याण सुनिश्चित करना है।
डॉ नरेन्द्र नाथ ठाकुर सर ने ज्ञान की गंगा बहाते हुए आधुनिक और प्राचीन, दर्शन और अध्यात्म से गुरु की गुरुत्वाकर्षण शक्ति को सहजता से सबके समक्ष रख,ज्ञानार्थियों का कुशल मार्गदर्शन किया।
डॉ शुभेश्वर झा ने वैचारिक विमर्श पर बल दिया तथा बने-बनाए और रटे-रटाए के बजाय नूतन विचार और कार्य से प्रेरित प्रभावित करने की बात कही।इग्नू अध्ययन केंद्र, जसीडीह के समन्वयक डॉ रामकृष्ण चौधरी ने कहा कि अगर अपने जीवन काल में शिक्षक शिक्षा के माध्यम से, एक भी शिक्षार्थियों को सामाजिक दृष्टिकोण से उत्कृष्ट, अनुशासन प्रिय बना दिया तो उनकी सफलता मानी जाएगी।
जिला कल्याण पदाधिकारी ने आज के परिपेक्ष में शिक्षकों एवं छात्रों के प्रतिभा के अवमूल्यन की विस्तृत व्याख्या की और उन्होंने कहा कि इस अवमूल्यन का समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसे रोकना प्राथमिक शिक्षकों से लेकर उच्च शिक्षा के विद्वानों को आगे आना चाहिए। उन्होंने अपने जीवन संघर्ष वातावरण और गुरु की कृपा बखान कर छात्रों से शिक्षकों से अधिक से अधिक ज्ञान- विज्ञान में उम्मीद से अधिक उम्दा प्रदर्शन, परिवर्तन की मंगल कामना की।
सहायक समन्वयक इग्नू अध्ययन केंद्र जसीडीह के अनंत कुमार सिन्हा के द्वारा इग्नू द्वारा संचालित विषयों जैसे श्रीमद भागवत गीता, ज्योतिष, वेद और संस्कृत इत्यादि में स्नातकोत्तर की पढ़ाई प्रारंभ करने के लिए डॉ सरोज कुमार मिश्र को धन्यवाद दिया।


मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ सुंदर चरण मिश्रा जी का उद्बोधन किसी के लिए भी जागरण मंत्र से काम नहीं था। अर्पण के भाव से शिष्य और समर्पण समर्थन के सहयोग से गुरु एक पथगामी शिक्षा की गाड़ी को चतुर्भुज समान चारों तरफ दौड़ा और फैला सकते हैं। समाज को आचरण से आचार्य कहलाने वाले गुरु और अनुशासन से उत्तंग शिखर को छूने की लालसा रखने वाले शिष्यों की ज्यादा जरूरत है।
अपने उद्बोधन में डॉ सरोज कुमार मिश्र द्वारा इस सम्मान के लिए सभी का अभिवादन स्वीकार किया, धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा की जीवन में अगर कभी भी किसी को शिक्षा के लिए हमारी आवश्यकता हो तो वहां हम सदा खड़े रहेंगे।

अंत में शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट, देवघर के निदेशक हिमांशु देव द्वारा सभी आगंतुकों का अभिवादन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अद्भुत और अविस्मरणीय है अपने गुरु के प्रति समर्पण का भाव है। लगभग चार घंटे का यह इग्नू और शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित शिक्षक दिवस सम्मान समारोह कार्यक्रम। दूरस्थ शिक्षा में भी इतने निकटस्थ है शिक्षार्थी, शोधार्थी, विद्याव्यसनी इसका जीवंत उदाहरण है यह ।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में हिमांशु देव ,राजीव शंकर, विनीता मिश्रा, मृदुला मिश्रा, जया मिश्रा, रानी कुमारी, रचना कुमारी, जितेंद्र चौधरी, दिनेश कुमार, सुधांशु कुमार देव, रंजीत कुमार, किरण कुमारी, नूतन कुमारी, प्रीति कुमारी, सरिता भारती, रागिनी कुमारी, राजेश कुमार, नारायण महतो, मनस्वी झा,श्वेता कुमारी झा, मुस्कान रानी, सोमेश माधव एवं पूरी टीम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।