13 फरवरी: विश्व रेडियो दिवस
विश्व रेडियो दिवस 13 फ़रवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है। वर्ष 2012 को दुनिया भर में प्रथम विश्व रेडियो दिवस मनाया गया। शिक्षा के प्रसार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक बहस में रेडियो की भूमिका को रेखांकित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने पहली बार 13 फ़रवरी 2012 को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया। 13 फ़रवरी को संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ भी है। इसी दिन वर्ष 1946 में इसकी शुरूआत हुई थी। विश्व की 95 प्रतिशत जनसंख्या तक रेडियो की पहुंच है और यह दूर-दराज के समुदायों और छोटे समूहों तक कम लागत पर पहुंचने वाला संचार का सबसे सुगम साधन है।
रेडियो विश्व का सबसे सुलभ मीडिया है। दुनिया के किसी भी कोने में रेडियो सुना जा सकता है। वे लोग, जो पढ़ना-लिखना नहीं जानते, रेडियो सुनकर सारी जानकारियाँ पा जाते हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में रेडियो सम्पर्क-साधन की भूमिका भी निभाता है और लोगों को सावधान और सतर्क करता है। कोई भी प्राकृतिक आपदा आने पर बचाव-कार्यों के दौरान भी रेडियो महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रेडियो रूस दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी रेडियो प्रसारण कम्पनियों में से एक है। रेडियो रूस ने आज से 80 साल पहले अपने प्रसारण शुरू किए थे। आज रेडियो रूस के प्रसारण दुनिया की 44 भाषाओं में दुनिया के सभी महाद्वीपों के निवासी सुनते हैं। विश्व रेडियो दिवस मनाने की शुरुआत हाल ही में की गई है। यूनेस्को ने सन 2011 में ही विश्व-स्तर पर रेडियो दिवस मनाने का निर्णय लिया। 13 फ़रवरी का दिन ‘विश्व रेडियो दिवस’ के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि 13 फ़रवरी सन 1946 से ही रेडियो संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अपने रेडियो प्रसारण की शुरुआत की गई थी। भारत में रेडियो प्रसारण 1922 में शुरू हुआ। सरकारी स्वामित्व वाले रेडियो स्टेशन ऑल इंडिया रेडियो ने 1936 से प्रसारण पर अपना वर्चस्व कायम रखा। रेडियो मनोरंजन का सबसे अच्छा माध्यम है । यह श्रोताओं को स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करता है । इस पर संगीत का वैविध्यपूर्ण खजाना श्रोताओं के लिए उपलब्ध है। वे अपनी भाषा, रुचि, आवश्यकताओं एवं समय के अनुरूप कार्यक्रम में भागीदार होते हैं। अपनी इस विशेषता के कारण ही रेडियो की पहुँच जन साधारण तक होती है और यह तत्व भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए अनिवार्य भी है। रेडियो एक लचीला माध्यम इसलिए भी है क्योंकि इसे सुनते समय व्यक्ति के किसी भी कार्य में बाधा नहीं पहुँचती है। रेडियो और भाषा शिक्षण श्रव्य माध्यम होने के कारण रेडियो भाषा शिक्षण के लिए एक उपयुक्त माध्यम है । शब्दों का उच्चारण किस तरह किया जा सकता है, यह रेडियो के जरिए विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से बताया जा सकता है। इसी तरह वाक्य संरचना और व्याकरण के बारे में भी रेडियो के माध्यम से शिक्षित किया जा सकता है ।
