20 फरवरी: आवाज़ के जादूगर अमीन सयानी की पुण्यतिथि
अमीन सयानी के नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम करने का रिकॉर्ड दर्ज है
अमीन सयानी को ‘आवाज़ के जादूगर’ और रेडियो के इतिहास में पहले जॉकी के रूप में जाना जाता था। रेडियो जॉकी के रूप में वे विश्व के श्रेष्ठ जॉकी माने जाते थे। आज ही के दिन 20 फरवरी, 2024 को उनकी मृत्यु हुई थी। ‘गीतमाला’ प्रोग्राम के जरिए सुनी गई अमीन सयानी की आवाज़ ‘बहनों और भाइयो’ आम लोगों को काफ़ी लम्बे समय तक गुदगुदाती रही। करीब 46 वर्ष तक रेडियो सीलोन के जरिए अमीन सयानी की प्रस्तुति और बाद में विविध भारती पर इसके प्रसारण को लोग आज भी याद करते हैं।
उनका जन्म बम्बई में 21 दिसम्बर, 1932 को हुआ था। किसी ज़माने में ‘रेडियो का दूसरा नाम’ कहे जाने वाले अमीन सयानी बहुत रुमानियत और जोश से भरे रहते थे। वही बोलने का अंदाज़, वही मीठी और अपनेपन वाली आवाज़। उन्होंने रेडियो की दुनिया में बड़ा नाम कमाया। उनकी आवाज का जादू लोगों के दिल में घर कर लेता था। उन्होंने रेडियो प्रेजेंटर के तौर पर अपने कॅरियर की शुरुआत ‘ऑल इंडिया रेडियो’, मुंबई से की थी। वे मानते थे कि अच्छी हिन्दी बोलने के लिए थोड़ा-सा उर्दू का ज्ञान ज़रूरी है। वे रेडियो सिलोन पर 1952-1994 तक ‘बिनाका गीत माला’ के सफल और लोकप्रिय प्रस्तोता रहे। वे देश के ऐसे पहले रेडियो स्टार रहे, जिनका बड़े-बड़े फिल्म स्टार भी सम्मान करते थे। एक जमाना था जब अपने ‘बिनाका गीतमाला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के इस शहंशाह ने अपने नाम और काम की धूम मचा दी थी। रेडियो सुनने का शौक रखने वालों के कानों में आज भी अमीन सयानी की आवाज में ‘नमस्कार बहनों और भाइयो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ गूंजता है। कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई थी। उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था। उनके नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस, कम्पेअर, वॉयस ओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है। लगभग 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज़ देने के लिए भी उनका नाम ‘लिम्का बुक्स ऑफ़ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है। उन्होंने भूत बंगला, तीन देवियां, कत्ल जैसी फिल्मों में अनाउंसर के तौर पर भी काम किया था। रेडियो पर सितारों पर आधारित उनका शो ‘एस कुमार्स का फ़िल्मी मुकदमा’ भी काफ़ी लोकप्रिय साबित हुआ था। उन्हें फिक्की ने ‘लिविंग लीजेंड अवॉर्ड’ से सम्मानित किया था। इंडियन रेडियो इंडस्ट्री में बड़ा योगदान करने वालों को सम्मानित करने के लिए फिक्की ने ‘इंडियन रेडियो फोरम’ के साथ मिलकर इस अवॉर्ड की स्थापना की है।
