दुमका (शहर परिक्रमा)

क्षमता संवर्धन विषय पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

दुमका: आत्मा, द्वारा आत्मा सभागर दुमका में शुक्रवार को TRFA तेलहन योजनान्तर्गत प्रसार कर्मियों का क्षमता संवर्धन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डा० ए० के० साहा, कृषि विज्ञान केन्द्र, दुमका के वैज्ञानिक डा० जयंत लाल, परियोजना निर्देशक, आत्मा संजय कुमार मंडल, जिला कृषि पदाधिकारी सत्य प्रकाश, कनीय पौधा सरक्षण पदाधिकारी शुभांकर गुप्ता, भूमि संरक्षण पदाधिकारी शिव कुमार, विभिन्न प्रखंडों से प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, एवं जनसेवक उपस्थित हुये।

कार्यक्रम में सबसे पहले परियोजना निदेशक संजय कुमार मंडल द्वारा प्रशिक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि TRIA योजनान्तर्गत जिले में सरसों, मसूर एवं चना का बीज प्रत्यक्षण हेतू कृषकों को उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा कृषकों को एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) एवं एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (INM) से संबंधित उपादान कृषको को उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत कृषकों को 50% अनुदान पर कृषि यंत्र पपसेट, रोटाभेटर, पाईप, वथा धिडकाव यंत्र आदि उपलब्ध कराया जा रहा है।

जिला कृषि पदाधिकारी सत्य प्रकाश द्वार कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बिरसा फसल विस्तार योजना, Per Drop More Crop. बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला, एग्री स्मार्ट ग्राम योजना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

कृषि विज्ञान केन्द्र, दुमका के वैज्ञानिक डा० जयंत लाल द्वारा मृदा में पाई जाने वाले विभिन्न पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मृदा में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों के प्रयोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि झारखंड एवं दुमका की अधिकांश मिट्टी अम्लीय है इसके सुधार हेतु मृदा में 3-4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर डोलोमाइट का प्रयोग कर इसका सुधार किया जा सकता है।

क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, दुमका के वैज्ञानिक डा० ए० के० साहा द्वारा विभिन्न प्रकार की सब्जी की वैज्ञानिक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होने बताया कि कृषक अपनी आमदनी सब्जी उत्पादन, फूल उत्पादन एवं फलों के बागवानी द्वारा काफी बढ़ा सकते है।

भूमि संरक्षण पदाधिकारी शिव कुमार ने भूमि संरक्षण विभाग द्वारा संचालित योजना, कृषि यत्र वितरण, डीप बोरिंग योजना, तालाबों का जीर्णोद्धार योजना के बारे में जानकारी दी।

कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी शुभांकर गुप्ता द्वारा फसलों में लगने वाले कीट प्रबंधन एवं इसके निदान एवं पौधों में लगने वाले विभिन्न रोगों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

संवाददाता: आलोक रंजन

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